नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में आज अपने बयान दर्ज कराने पहुंची एक महिला पहलवान की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई। आज सुनवाई के दौरान भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर कोर्ट में पेश हुए। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को करने का आदेश दिया।
30 अगस्त को सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाए जाने पर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि ऐसा गलतफहमी की वजह से हुआ है और गलती ठीक कर ली गई है। पहलवान विनेश फोगाट ने 22 अगस्त को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर कहा था कि गवाही के पहले महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाई जा रही है। इस पर दिल्ली पुलिस ने भी सफाई दी थी।
सुनवाई के दौरान पीड़ित पहलवानों की ओर से कोर्ट में गवाहों के बयान को अलग कमरे में करने की मांग की थी, जिसका बृजभूषण के वकील ने विरोध किया था। तब कोर्ट ने कहा कि यह पीड़िता पर निर्भर है। अगर वह अलग कमरे में बयान देने में सहज है तो उसकी बात वहीं सुनी जाएगी। अगर वह कोर्ट रूम में सहज है तो हम बंद कमरे में कार्यवाही का आदेश देंगे। 6 अगस्त को इस मामले की जांच में शामिल एक महिला पुलिसकर्मी रश्मि का बयान दर्ज किया गया था। रश्मि का बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन ने क्रास-एग्जामिनेशन किया था।
कोर्ट ने 26 जुलाई से इस मामले का ट्रायल शुरू किया था। 26 जुलाई को कोर्ट ने मामले की जांच से जुड़े एक कांस्टेबल के बयानों को दर्ज किया। 10 मई को कोर्ट ने छह में से पांच महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था जबकि एक महिला पहलवान के आरोपों के मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बरी कर दिया था। कोर्ट ने पांच महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए और 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले के सह आरोपित और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।