नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मोइरांगथेम आनंद सिंह की जमानत याचिका का विरोध किया है। उस पर मणिपुर हिंसा से संबंधित अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने का आरोप है।
एजेंसी ने तर्क दिया कि सिंह के प्रतिबंधित संगठनों से संबंध थे! उन्हें अत्याधुनिक हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया था और उनके म्यांमार स्थित आतंकवादी संगठनों के नेताओं से संबंध थे।
गिरफ्तारी के बाद सिंह को नई दिल्ली लाया गया और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन गुप्ता को सूचित किया कि सिंह पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में सक्रिय आतंकवादी समूहों के नेतृत्व द्वारा योजनाबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा था।
इस साजिश का उद्देश्य मणिपुर में चल रही जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना और आतंकी हमले करना था, जिससे मणिपुर में मौजूदा स्थिति बिगड़ जाए।
एनआईए ने तर्क दिया कि आरोपी को जमानत पर रिहा करने से चल रही जांच को खतरा होगा और उसके इतिहास को देखते हुए, उसके इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने की बहुत अधिक संभावना है जिससे राज्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति खराब हो सकती है।
अदालत ने जमानत अर्जी पर दलीलें सुनने के लिए अगली तारीख 8 नवंबर तय की है।