प्रयागराज। प्रयागराज की एक स्थानीय अदालत ने तीन बच्चों और पत्नी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले दोषी पति को नौ वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने शुक्रवार को बताया कि यह फैसला जिला जज संतोष राय की अदालत ने दस वर्ष पहले कोरांव थाना क्षेत्र के वैदवार गांव में हुई निर्मम घटना के विचारण के बाद सुनाया।
उन्होंने बताया कि अर्थदंड की 90 प्रतिशत धनराशि बतौर मुआवजा मृतका के भाई को अदा किया जाएगा। यह घटना वर्ष 2014 के जून की है। मृतका शीला देवी का उसके पति का अन्यत्र अवैध संबंधों को लेकर 19 तारीख की रात विवाद हुआ था। पति की रोज-रोज की प्रताड़ना से तंग शीला देवी ने अपने मासूम तीन बच्चों पांच वर्षीय दीपा, 10 वर्ष की रूपा और दुधमुंहे डेढ़ वर्ष के बेटे प्रदीप के साथ घर में ही आत्मदाह कर लिया था।
गौरतलब है कि मामले की सूचना पाकर शीला के घर पहुंचे भाई संतोष कुमार ने विजय के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करवाया। उसने बताया कि विजय के अवैध संबंधों का विरोध करने पर अक्सर वह शीला के साथ मारपीट और तरह-तरह से प्रताड़ित करता था। इससे तंग आकर मृतका ने मासूम समेत आत्मदाह किया। घटना में शीला और दीपा की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि रूपा और प्रदीप ने इलाज़ के दौरान दम तोड़ा था।
पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने चार गवाह पेश करते हुए कठोर सजा देने की दलील पेश की गई। अदालत दोषी पति को नौ वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी।