मुजफ्फरनगर। जिले में निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मछुआरा समुदाय को आरक्षण दिए जाने की मांग की और डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया। जिसमें मछुआरा समुदाय को दी गई सुविधाओं के साथ-साथ कई मांगे उठाई गई। निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने मांग उठाई कि मछुआरा समुदाय को उत्तर प्रदेश मैं अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए।
बुधवार को निषाद पार्टी की अनुषंगी संस्था निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सेंसस मैनुअल 1961 के अनुसार उत्तर प्रदेश का मछुआरा समाज अनुसूचित जाति का हकदार है। लेकिन पूर्व की सरकारों ने मछुआरा समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों से विहीन करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रच कर राष्ट्रपति द्वारा दिए गए नोटिफिकेशन को संसद में बिना किसी बहस के 1991 में रद्द करा दिया था।
उन्होंने प्रदर्शन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मछुआरा समाज की 18% आबादी को लटकोराम बना दिया गया। मौजूदा परिस्थिति उत्तर प्रदेश के मछुआरा समाज की यह है कि 2016 को राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर इस समाज को पिछड़ी जाति से निकाल दिया। स्पष्ट भी नहीं हो पाया कि जनगणना मैनुअल 1961 के आधार पर मछुआरा समाज अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है। मांग की गई कि प्रधानमंत्री इस मामले में पहल कर मछुआरा समाज को अनुसूचित जाति में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिलाएं।