नोएडा। दादरी, नोएडा व गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) न्यू नोएडा के विकास के लिए प्रथम चरण के लिए 80 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम ने नोएडा एवं तहसील सिकंदराबाद की राजस्व टीम के साथ अधिसूचित क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्राम-जोखाबाद व ग्राम-सांवली में अस्थाई कार्यालय के लिए भूमि की उपलब्धता एवं उपयोगिता पर अधिकारियों के साथ चर्चा की।
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उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना को मूर्त रूप देने के मकसद से आज नोएडा सीईओ डा. लोकेश एम ने ओएसडी महेन्द्र प्रसाद, ओएसडी क्रान्तिशेखर सिंह, महाप्रबंधक लीनू सहगल, डीजीएम विजय रावल, तहसीलदार शशि कुमार व धर्मवीर भारती तथा तहसील सिकंदराबाद की राजस्व टीम के अधिकारियों के साथ न्यू नोएडा के लिए अधिसूचित ग्रामों का निरीक्षण किया गया। जिसमें उन्होंने विशेष रूप से ग्राम-जोखाबाद व ग्राम-सांवली में अस्थाई कार्यालय के लिए भूमि की उपलब्धता एवं उपयोगिता का निरीक्षण किया।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान सीईओ ने (डीएनजीआईआर) न्यू नोएडा क्षेत्र के अधिसूचित क्षेत्र के कई गांवों का भी भ्रमण किया गया। गांवों के भ्रमण के बाद उन्होंने सिकंदराबाद स्थित पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनों के अधिग्रहण के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। सीईओ ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के साथ जहां पर जीटी रोड अलग होती है, सर्व प्रथम वहां से लगे हुए गांवों की जमीनों की अधिग्रहण की कार्यवाही की जाए। इसके लिए उन्होंने संबंधित ग्रामों के ग्राम प्रधान तथा अन्य लोगों के साथ बैठक एवं समन्वय कर आपसी समझौते के आधार पर भूमि क्रय करने के निर्देश दिए।
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बता दें कि डीएनजीआईआर दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन, नया नोएडा बनाने के लिए बनाया गया एक प्रोजेक्ट है। डीएनजीआईआर क्षेत्र 29 अगस्त 2017 को अधिसूचित किया गया था। डीएनजीआईआर का मास्टर प्लान 2041 18 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किया गया है। अधिसूचित क्षेत्र मंे जिला गौतम बुद्ध नगर एवं जिला बुलंदशहर के कुल 80 गांव है। इस क्षेत्र का विकास 4 चरणों में वर्ष 2041 तक किया जाना प्रस्तावित है जिसमें से प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूर्ण किया जाना है।
इसके अतिरिक्त द्वितीय चरण में 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2032 तक, तृतीय चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2037 तक एवं चतुर्थ चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2041 तक किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे बनाने के लिए गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाया गया है। इस शहर को करीब 209 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाना है। डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान 2041 के मुताबिक, यहां 40 फीसदी जमीन औद्योगिक, 13 फीसदी जमीन आवासीय और 18 फीसदी जमीन ग्रीन एरिया और मनोरंजन के लिए होगी।