Saturday, May 17, 2025

अब ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा गया, बिहार कैबिनेट ने दी मंजूरी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लिए गए सबसे बड़े निर्णयों में से एक गया शहर का नाम परिवर्तन है। अब इस शहर को ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा, कैबिनेट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह निर्णय शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की घोषणा की है।

इस फैसले से राज्य के लाखों कर्मचारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब इन कार्यालयों की सफाई का जिम्मा जीविका दीदियों को सौंपा जाएगा। यह कदम न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देगा, बल्कि जीविका समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। राज्य सरकार ने प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद का दर्जा दे दिया है।

इसके साथ ही, औरंगाबाद जिले के मदनपुर को अब नगर पंचायत के रूप में जाना जाएगा। वहीं, महत्वाकांक्षी जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की अवधि को बढ़ा दी गई है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। कैबिनेट ने दरभंगा जिले की जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपए और औरंगाबाद जिले की जलापूर्ति परियोजना के लिए 72 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण राशि स्वीकृत की है। इसके अलावा, सोनपुर मेला आयोजन क्षेत्र के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है, और बोधगया शहर के लिए भी एक नई जलापूर्ति परियोजना को हरी झंडी मिली है। पंचायती राज विभाग के अंतर्गत राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में सरकारी पंचायत भवन बनाने की योजना को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करते हुए, बिहार के कई जिलों में केंद्रीय विद्यालय संगठन के नए विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इससे राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अधिक अवसर मिलेंगे। विकास कार्यों को गति देने के लिए राज्य सरकार 58,193 करोड़ रुपए का ऋण लेगी।

यह राशि विभिन्न विकास परियोजनाओं में इस्तेमाल की जाएगी। सहकारिता विभाग के अंतर्गत 498 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। इससे विभाग के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। बिहार सरकार की नौकरियों में अब बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय दिव्यांगजनों के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है। मुख्य जांच आयुक्त के कार्यालय में 125 नए पदों की स्वीकृति दी गई है, जिससे जांच कार्यों को और तेजी से किया जा सकेगा। राज्य में कैंसर की बीमारी से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘कैंसर केयर अप रिसर्च सोसायटी’ का गठन किया जाएगा। यह सोसायटी कैंसर की रोकथाम, उपचार और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सेवा से अनुपस्थित रहने के कारण पांच डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है।

बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अब शिक्षा विभाग के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जिससे इन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनेंगे। पटना मेट्रो परियोजना के लिए दो करोड़ 56 लाख नौ हजार करोड़ रुपए के भुगतान की अनुमति कैबिनेट ने दे दी है, जिससे इस महत्वपूर्ण परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा। वहीं, जन्म और मृत्यु से संबंधित आवेदनों का निष्पादन अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही किया जाएगा, जिससे लोगों को सुविधा होगी और उन्हें ब्लॉक या अन्य कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बिहार के अंतर्गत उद्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में परिवर्तन किया गया है। इसके साथ ही, भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय, इमामगंज, समस्तीपुर और भोजपुर के भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, ताकि छात्रों को बेहतर आवास और शिक्षा का माहौल मिल सके।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

87,026FansLike
5,553FollowersFollow
153,919SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय