चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज ने नूंह की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुये कहा है कि यह किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा प्रतीत होती है।
दोनों नेताओं ने मंगलवार को यहां वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक में स्थिति की समीक्षा करते हुये यह बात कही तथा स्पष्ट किया कि सरकार उपद्रवियों को किसी सूरत में नहीं बख्शेगी एवं कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से शांति बहाल करने में सरकार के प्रयासों में मदद करने की अपील की।
वहीं आधिकारिक तौर पर नूंह हिंसा और आगजनी की घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों समेत पांच लोगों की मौत हुई है।
श्री खट्टर ने कहा कि नूंह में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सालों से हर वर्ष सामाजिक यात्रा निकलती रही है और गत 31 जुलाई को भी इस यात्रा का आयोजन किया गया। कुछ लोगों ने न केवल यात्रा पर आक्रमण कर इसे भंग किया बल्कि पुलिस पर हमला किया। दंगाईयों ने आगजनी की और अनेक वाहन जला दिये। पूरी घटना किसी बड़े षड़यंत्र का हिस्सा लगती है।
उन्होंने कहा कि नूंह में बाहर के आये लोगों की पहचान की जा रही है। अब तक 44 एफआईआर दर्ज कर 70 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच के बाद जो भी दोषी पाये जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि इस घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों समेत पांच लोगों की मृत्यु हुई है। जिनका जान-माल का नुकसान हुआ है, उन्हें सरकार मुआवजा देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम पर संयम से काम लिया। गत 31 जुलाई की दोपहर जैसे ही घटना की जानकारी मिली तो उसी समय पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(सीआईडी) तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(कानून एवं व्यवस्था) को मौके पर भेजा गया। केंद्र से केंद्रीय पुलिस बल की कम्पनियों की तैनाती के लिए अनुरोध किया। इस समय 16 कम्पनियां नूंह और आसपास के इलाकों में तैनात हैं। इसके अलावा राज्य पुलिस की 30 कम्पनियां भी मौके पर मौजूद हैं। आस-पास के जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल जिलों में भी कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं लेकिन इन पर समय रहते काबू पा लिया गया। राज्य के सभी जिलों में शांति है। एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लागू किया गया है और कुछ जिलों में निषेधाज्ञा लागू की गई है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जहां-जहां भी इस प्रकार की घटनाएं हुई हैं वहां वे शांति बहाली के लिए आगे आएं। प्रशासन ने भी शांति कमेटी की बैठक की है। उन्होंने कहा,“मैं आशा करता हूं कि लोग शांति बनाने में सहयोग करेंगे और आगे स्थिति न बिगड़े यह सुनिश्चित करेंगे।”
वहीं श्री विज ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह हिंसा किसी ‘मास्टरमाइंड’ का रचा हुआ प्लान है। अधिकारियों को पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गये हैं और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह यात्रा पर पथराव के लिये पत्थर इकट्ठे किये गये और गोलियां चलाईं गईं। यह कोई अचानक या एकदम नहीं हुआ बल्कि किसी मास्टरमाइंड का प्लान था जो देश और प्रदेश की शांति भंग करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ ही वायुसेना को भी विकल्प के तौर पर रखा गया है ताकि यदि एयरलिफ्ट की जरूरत होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने राजनीतिक दलों को सलाह दी कि यह राजनीति करने का समय नहीं है। शांति बहाल करना ही सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नूंह में हालात नियंत्रण में हैं और वहां इंटरनेट सेवाएं बंद करने के साथ साथ कर्फ्यू लगाया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाओं में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। तीन पुलिसकर्मियों को गोली लगी है जो वेंटिलेटर पर हैं तथा इनका उपचार चल रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल के अलावा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(सीआईडी) आलोक मित्तल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।