Wednesday, November 6, 2024

ओडिशा ट्रेन हादसा : मृतकों की संख्या 288 हुई, पीएम ने घायलों के बेहतर इलाज का भरोसा दिया

भुवनेश्वर/नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, जबकि करीब 800 लोग घायल हैं। दक्षिण-पूर्व रेलवे (एसईआर) ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया और बचाव और राहत कार्यो का जायजा लिया। उन्होंने दुर्घटना में बचे लोगों से भी मुलाकात की।

मोदी ने कहा कि सरकार घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराएगी और इस हादसे के लिए दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

इससे पहले दिन में, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा विस्तृत उच्चस्तरीय जांच की जाएगी।

शुक्रवार की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे दो दशकों में देश में सबसे खराब रेल दुर्घटनाओं में से एक घटित हो गई।

दक्षिण-पूर्व रेलवे ने एक बुलेटिन में कहा : “ट्रेन संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई, कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन संख्या 12864 सर एम. विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 2 जून को शाम लगभग 6.55 बजे बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई।”

आगे कहा गया है, “खड़गपुर और भद्रक से चिकित्सा उपकरणों, डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ दुर्घटना राहत ट्रेनों को घटनास्थल पर भेजा गया। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 288 लोगों की मौत हुई है। कम से कम 56 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि 747 को साधारण चोटें आई हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।”

एसईआर ने यह भी कहा कि हावड़ा से बालासोर के लिए शनिवार को शाम चार बजे एक विशेष ट्रेन चलाई गई। यह ट्रेन प्रभावित यात्रियों के परिजनों को लेकर वहां पहुंची।

बयान में कहा गया है, “रेलवे ट्रेनों की बहाली के लिए हर पहल कर रहा है। इस बीच, घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं, जो रेलवे सुरक्षा आयुक्त, दक्षिण पूर्वी सर्कल द्वारा आयोजित की जानी है।”

दो एक्सप्रेस ट्रेनों – कोरोमंडल और एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बीच एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के लगभग 16 घंटे बाद शनिवार दोपहर को रेलवे ने बचाव अभियान पूरा होने की घोषणा की, जिसके बाद ट्रेनों की बहाली का काम शुरू हुआ।

रेलवे के अनुसार, 1,200 से अधिक यात्रियों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी, जबकि एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1,000 यात्रियों के साथ हावड़ा की ओर आ रही थी।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए और एक तरफ खड़ी मालगाड़ी से टकरा गए, जबकि कुछ विपरीत रेल ट्रैक पर गिर गए, जिस पर एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस यशवंतपुर की तरफ से आ रही थी और हावड़ा जा रही थी।

एसएमवीपी-हावड़ा एक्सप्रेस बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पलटे हुए डिब्बों से टकरा गई।

रेलवे सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि हादसे से कुछ मिनट पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को लूप लाइन पर रखा गया था, जहां वह खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने इस बात का खंडन किया है और कहा है कि विस्तृत जांच जारी है। तोड़फोड़, यांत्रिक त्रुटि या मानवीय त्रुटि के सभी कोणों से बड़े पैमाने पर जांच की जाएगी।

दुर्घटनास्थल के दृश्य से पता चलता है कि कैसे दो ट्रेनों के डिब्बे एक-दूसरे पर पलट गए, यहां तक कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का लोकोमोटिव मालगाड़ी के एक वैगन पर चढ़ गया। एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की कई टीमों ने क्षतिग्रस्त डिब्बों से बचे लोगों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया।

ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि शुक्रवार शाम की दुर्घटना के बाद से 30 बसों के साथ 200 से अधिक एम्बुलेंस को सेवा में लगाया गया है।

रेलवे ने सीआरएस/एसई सर्किल ए.एम. चौधरी द्वारा जांच की घोषणा भी की है।

रेलवे ने चेन्नई-हावड़ा मार्ग पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जो राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के सबसे व्यस्त मार्गो में से एक है।

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