मुंबई। मुंबई में सोमवार को आई आंधी में एक विशाल होर्डिंग के गिरने और 14 लोगों की मौत होने के बाद अब अधिकारी गहरी नींद से जगे हैं। मुंबई उपनगरीय जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमएसडीडीएमए) ने मापदंडों का उल्लंघन कर लगाए गए सभी अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई का फैसला किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
13 मई की देर रात एमएसडीडीएमए की ओर से जारी आदेश में संबंधित अधिकारियों को घटनास्थल के निकट लगाए गए तीन अन्य बड़े होर्डिंग्स को गिराने का आदेश दिया गया है। इन होर्डिंग्स को ईजीओ मीडिया कंपनी के मालिक भावेश भिंडे ने लगवाया है।
इसके साथ ही मुंबई के पंत नगर पुलिस स्टेशन में भिंडे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। भिंडे सोमवार रात से फरार है और पुलिस घटना की जांच कर रही है।
खबरों के मुताबिक, ईजीपी मीडिया कंपनी को पहले सेंट्रल रेलवे (सीआर) द्वारा “ब्लैकलिस्टेड” किया गया था और यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी को विशाल होर्डिंग लगाने की अनुमति कैसे दी गई। इसे मुंबई में सबसे बड़ा होर्डिंग बताया गया। इसके बदले विज्ञापनदाताओं से बड़ी राशि ली गई।
सोमवार शाम मुंबई मेें आई तेज आंधी से छड़ों और गार्डरों के साथ सैकड़ों किलो वजनी होर्डिंग उखड़ गया और घाटकोपर पूर्व के पंत नगर इलाके में कई घरों और एक पेट्रोल पंप पर जा गिरा। इसके चलते 14 लोगों की मौत हो गई और 88 लोग घायल हो गए। 60 से अधिक लोगों को बचाया गया।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारी ने कहा कि मानदंडों का उल्लंघन कर लगाए जाने वाले बड़े होर्डिंग्स का पता लगाकर उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बताया जाता है कि दुर्घटनाग्रस्त होर्डिंग की अनुमति कथित तौर पर तत्कालीन रेलवे पुलिस प्रमुख क़ैसर खालिद ने दी थी। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि आरोपी भिंडे शिवसेना (यूबीटी) नेताओं से जुड़ा हुआ है।
सोमवार शाम, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटनास्थल का दौरा किया और बृहन्मुंबई निगम व मुंबई पुलिस को घटना की जांच करने, शहर में सभी अवैध होर्डिंग्स का पता लगाने और आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया।
सीएम ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा प्रदान करने और घायलों के लिए मुफ्त उपचार की घोषणा भी की।