नई दिल्ली। नलाइन टैक्सी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी, ओला कैब्स ने अब अपने बिजनेस में गूगल मैप्स का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। इसकी जगह कंपनी अब खुद के बनाए ओला मैप्स का इस्तेमाल करेगी।
कंपनी ने कहा कि इससे उसे सालाना करीब 100 करोड़ रुपये की बचत होगी। ओला ग्रुप के को-फाउंडर और चेयरमैन भाविश अग्रवाल ने कहा, “पिछले महीने एज्योर से बाहर निकलने के बाद, अब हमने गूगल मैप्स को भी पूरी तरह से हटा दिया है। हम सालाना 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे, लेकिन हमने इस महीने पूरी तरह से अपने इन-हाउस ओला मैप्स पर ट्रासंफर करके इस खर्च को शून्य कर दिया है! अपने ओला ऐप को चेक करें और जरूरत पड़ने पर अपडेट करें।”
इससे करीब 3 महीने पहले ओला ग्रुप की कंपनियों ने माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर के साथ संबंध तोड़ने का ऐलान किया था और अपना पूरा काम इन-हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फर्म, क्रुट्रिम को सौंप दिया था।
भाविश अग्रवाल ने 11 मई को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उनकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर के साथ संबंध तोड़ रही है और एक सप्ताह के भीतर पूरा काम अपनी AI फर्म क्रुट्रिम को सौंप देगी। फर्म के क्रुट्रिम AI को लॉन्च करते समय, भाविश ने कहा था कि क्लाउड सेवाओं के भीतर मैपिंग सॉल्यूशंस भी होंगे।
AI कंप्यूट के अलावा, ओला मैप्स डेवलपर्स को मैपिंग और लोकेशन-आधारित सेवाओं के अलावा लोकेशन इंटेलीजेंस सेवाएं भी प्रदान करने का इरादा रखती है। ओला ने अक्टूबर 2021 में जियोस्पेशियल सेवाओं के पुणे की कंपनी जियोस्पोक का अधिग्रहण किया था। ओला मैप्स फिलहाल कंपनी के प्रमुख ओला कैब्स ऐप की मैपिंग जरूरतों को पूरा करती है।