गाजियाबाद। फर्जी आईपीएस अधिकारी एवं मणिपुर काडर के रिटायर्ड डीजी अनिल कटियाल और फर्जी आयोग के चैयरमेन अनस मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब गाजियाबाद पुलिस ने ओमान के फर्जी उच्चायुक्त को गिरफ्तार किया है। बताते हैं कि ओमान का यह फर्जी उच्चायुक्त देश के चार नामचीन विश्वविद्यालयों का वाइस चांसलर रह चुका है। भौकाल बनाने के लिए आरोपी खुद की मर्सिडीज पर न सिर्फ लाल-नीली बत्ती, ओमान का झंडा, बल्कि डिप्लोमेट्स के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नीले रंग की नंबर प्लेट लगाकर चलता था।
आरोपी के पास से कौशांबी पुलिस ने फर्जी आईडी कार्ड, 42 विजिटिंग कार्ड, लाल-नीली बत्ती, नीले रंग की नंबर प्लेट और मर्सिडीज गाड़ी बरामद की है। पुलिस का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी यूपी और हरियाणा में कई बार प्रोटोकॉल के तहत वीवीआईपी सुरक्षा ले चुका है।
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डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि पकड़े गए आरोपी की पहचान 66 वर्षीय डा.कृष्ण शेखर राणा निवासी नेशनल पार्क रोड, लाजपत नगर थाना अमर कॉलोनी दिल्ली के रूप में हुई है। जांच में सामने आया कि आरोपी डा.कृष्ण शेखर अनुचित लाभ कमाने के लिए अपनी असल पहचान छिपाकर चलता था। उसके द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ओमान देश का उच्चायुक्त बनकर अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी करने की बात सामने आई है।
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आरोपी की मर्सिडीज के अगले और पिछले शीशे पर ओमान के झंडे का स्टीकर व अगले शीशे पर वल्र्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन का लाल रंग का स्टीकर भी लगा मिला है। डीसीपी ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में आरोपी का पसर्नल सेकेट्री (पीएस) देव कुमार भी शामिल है। डा.कृष्ण शेखर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस देव कुमार को भी ट्रेस करने का प्रयास कर रही है।