संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद को लेकर लंबे समय से चल रही बहस के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है, और लोगों ने इसे इंसाफ की जीत बताते हुए खुशी जाहिर की है।
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अब इस फैसले के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम मस्जिद में होने वाले रंगाई-पुताई के काम की निगरानी के लिए पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि टीम ने मस्जिद के स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से का निरीक्षण किया है और रंगाई-पुताई वाले हिस्से की नपाई भी की है। मस्जिद कमेटी के लोग भी इस दौरान मस्जिद में मौजूद रहेंगे, ताकि काम सही तरीके से और पूरी पारदर्शिता के साथ हो सके।
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गौरतलब है कि मस्जिद कमेटी ने शाही जामा मस्जिद की पुताई के लिए सिविल रिवीजन याचिका दायर की थी। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी करने की अनुमति दी। कोर्ट के इस फैसले के बाद मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने कोर्ट और अल्लाह का शुक्र अदा किया था।
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जफर अली ने कहा कि वह ASI की निगरानी में मस्जिद की रंगाई-पुताई का काम कराएंगे और उम्मीद है कि अगले सात दिनों में काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि अगर सब कुछ सही रहा तो मस्जिद की सफेदी का काम जल्द पूरा हो सकता है।
कोर्ट का फैसला आने के बाद से मस्जिद परिसर में तैयारियां जोरों पर हैं। मजदूर भी मस्जिद में पहुंच चुके हैं, और ASI की टीम के आने के बाद ही सफेदी का काम शुरू किया जाएगा। स्थानीय लोग भी इस काम को लेकर उत्साहित हैं और इसे ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि शाही जामा मस्जिद सिर्फ एक इबादतगाह ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक विरासत भी है। ऐसे में इसके संरक्षण और सौंदर्यीकरण की दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं।