नोएडा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस संबंध में शासन से सभी जनपदों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। शासन की ओर से निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने पर जिलाधिकारी टीबी मुक्त पंचायत के लिए प्रमाण पत्र जारी करेंगे। टीबी मुक्त पंचायत का दावा करने के लिए निर्धारित इंडिकेटर पूरे करने होंगे। जनपद गौतमबुद्ध नगर से टीबी मुक्त पंचायत का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जिला पंचायती राज अधिकारी ग्राम पंचायतों की ओर से दावा प्रस्तुत करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- टीबी मुक्त पंचायत का दावा करने के लिए शासन से मानदंड निर्धारित किये गये हैं। दावा करने के लिए जरूरी है कि उस गांव की आबादी की तीन प्रतिशत की टीबी जांच होना जरूरी है, यानि एक हजार की आबादी पर 30 लोगों की जांच होनी जरूरी है। एक हजार की आबादी में एक से ज्यादा टीबी पॉजिटिव नहीं होना चाहिए। जो भी मरीज है उसको निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से कम से कम एक किस्त का भुगतान हो चुका हो। इसके साथ ही उसका यूनिवर्सल ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट ( यूडीएसटी) होना भी जरूरी है। इसके अलावा वह मरीज किसी न किसी निक्षय मित्र अथवा व्यक्ति के द्वारा गोद लिया गया हो और उसे हर माह पोषण मिल रहा हो। दावा करने वाली पंचायत में पिछले वर्ष भी कम से कम दो केस हों, जो उपचार पूरा करके टीबी से ठीक हो गये हों। उन्होंने बताया टीबी मुक्त पंचायत का दावा जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) की ओर से किया जाएगा।
डा. सिंह ने बताया- टीबी मुक्त पंचायत के दावे के लिए कई चरण निर्धारित किये गये हैं। इसके तहत मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी एवं समस्त खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं ब्लाक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ बैठक कर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए दिशा निर्देश जारी किये जाएंगे।
भारत सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ब्लाक स्तर से टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का दावा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी को प्रस्तुत किया जाना है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ब्लाक स्तर से प्रस्तुत दावों का परीक्षण करने के बाद उपयुक्त पायी गयी ग्राम पंचायतों की सूची जिला पंचायती राज अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जिला पंचायती राज अधिकारी प्रस्तुत दावों का परीक्षण कर हस्ताक्षर करने के बाद दोबारा जिला क्षय रोग अधिकारी को एक सप्ताह में उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद सभी का सत्यापन जनपद स्तरीय टीम द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के लिए यह टीम उस ग्राम पंचायत में सर्वे करेगी और टीबी मरीज से बातचीत करेगी कि उसे सभी लाभ मिले अथवा नहीं।
जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला पंचायती राज अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला क्षय रोग अधिकारी, आईएमए के प्रतिनिधि, मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए टीम का गठन किया जाना है। जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अध्यक्ष और जिला क्षय रोग अधिकारी को सहयोजक नामित किया गया है। प्रत्येक टीम में जनपद स्तरीय अधिकारियों को सम्मिलित किया जाना है। इसके अतिरिक्त एनटीईपी के सदस्य फैसिलिटेटर के रूप में सहयोग प्रदान करेंगे।
ब्लाक स्तर से प्रस्तुत दावों के परीक्षण के उपरान्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित जनपद स्तरीय टीम इन ग्राम पंचायतों एवं आंकड़ों का भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा करेगी। जिलाधिकारी इन ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करते हुए उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान करेंगे।