Thursday, May 9, 2024

चंद्रग्रहण पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट ग्रहण काल के दो घंटे पूर्व बंद होगा

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वाराणसी। भारत में साल 2023 का पहला और आखिरी खंडग्रास चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को लगेगा। खंड चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य होगा। काशी में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 मध्य रात्रि 1:44 पर एवं मोक्ष 2. 23 बजे होगा। चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ग्रहण काल के 2 घंटे पूर्व मंदिर का कपाट बंद होने की परंपरा रही है। ऐसे में 28 अक्टूबर को होने वाली सभी आरती अपने समय पर संपादित होंगी। रात्रि श्रृंगार आरती में फल का भोग लगेगा। शयन आरती के बाद मंदिर गर्भगृह सहित सम्पूर्ण विग्रहों की सम्यक सफाई के बाद बाबा विश्वनाथ के ऊपर एक विल्वपत्र चढ़ाकर मंदिर का कपाट बन्द होगा।

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मंदिर प्रशासन के अनुसार 29 अक्टूबर को प्रातः काल में 2:30 से 3:00 बजे तक मोक्ष पूजा होगी। उसके बाद रात तीन से चार बजे मंगल आरती होगी। मंगला आरती के पश्चात तड़के 4:15 बजे भक्तों के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा। उधर, चंद्रग्रहण को देखते हुए काशी की विश्व प्रसिद्ध सायंकालीन गंगा आरती दिन में होगी। 32 साल में चौथी बार ग्रहण के कारण आरती का समय बदला गया है।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि चंद्र ग्रहण के सूतक काल में शनिवार को दोपहर दो बजे गंगा आरती शुरू होगी और तीन बजे से पहले संपन्न करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है। इसे देखते हुए ही दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक आरती का समय बदला गया है। इससे पहले 16 जुलाई 2019 में चंद्रग्रहण के कारण दोपहर में गंगा आरती हुई थी।

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