अहमदनगर (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के अहमदनगर में बकरी और कबूतर चुराने की अफवाह पर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के चार दलित कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर कपड़े उतार दिए गए, उन पर पेशाब किया गया, उन्हें एक पेड़ से लटका दिया गया और उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस और वीबीए के स्थानीय कार्यकर्ताओं के अनुसार, एक स्थानीय किसान की बकरी और कबूतर चुराने के आरोप में छह लोगों ने कार्यकर्ताओं को एक पेड़ से उल्टा लटका दिया और फिर उन पर लाठियों से बार-बार हमला किया।
यह घटना जिले के श्रीरामपुर के हरेगांव से सामने आई है।
घटना को गंभीरता से लेते हुए वीबीए अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बुलाया और पीड़ितों में से एक और उसके परिवार से बात की।
उन्होंने कहा, “जाति अत्याचार मामले में पीड़ित सदमे में हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं। मैंने उनमें से एक और उसकी दादी से बात की और वीबीए और मैं न्याय सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेंगे।”
वीबीए के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मोकले ने कहा कि प्रकाश अंबेडकर अगले सप्ताह चारों युवाओं के परिवारों से मिलेंगे, इन सभी की उम्र लगभग 20 साल होगी। अंबेडकर ने उन्हें इस मामले में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
पुलिस ने कहा कि घटना गुरुवार को हुई और आरोपियों में से एक ने घटना का वीडियो भी बनाया जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीबीए ने एक बयान में कहा कि हमलावरों ने कथित तौर पर पीड़ितों पर पेशाब किया और उन पर थूका, उन्हें निर्वस्त्र किया, उन्हें थूक चाटने के लिए मजबूर किया, उन्हें एक पेड़ से उल्टा लटका दिया और फिर उन्हें बुरी तरह पीटा।
अब तक, पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जबकि पांच अन्य अभी भी फरार हैं और पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए टीमें गठित की हैं। उनकी पहचान दीपक गायकवाड़, राजू बोर्गे, युवराज गलांडे, दुर्गेश वैद्य और मनोज बोराके के रूप में की गई है।
घायल युवकों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनमें से एक, शुभम मोगाडे ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या के प्रयास और एससी/एसटी पर अत्याचार से संबंधित धाराएं लगाते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच चल रही है।