नई दिल्ली। विपक्ष ने बुधवार को केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इसकी वजह से देश में बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार महंगाई पर काबू पाने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट को वास्तविक ‘ए’ ग्रेड दिया जाना चाहिए, न कि वह जो स्कूलों में छात्रों को दिया जाता है, बल्कि वह जो अडानी के लिए है, जिसे लाभ पहुंचाना है।
गोगोई ने कहा कि बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है, जबकि सभी घोषणाएं एक विशेष कॉर्पोरेट समूह के लिए हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा की है, जिसमें से लगभग पांच लाख करोड़ रुपये राजमार्ग, रेलवे और हवाईअड्डे जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए है।
उन्होंने दावा किया कि इन संपत्तियों को जनता के पैसे से बनाया जाएगा, जिसे बाद में ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट’ के हाथों बेच दिया जाएगा।
गोगोई ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं है, जो सरकार को लाभांश देते हैं, न ही सशस्त्र बलों के लिए कोई आवंटन है।
उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पेश की गई चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए पर्याप्त आवंटन नहीं किया है।
गोगोई ने दावा किया कि जहां अन्य देश चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं, वहीं भारत का उस देश से आयात बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और विनिर्माण क्षेत्रों में अधिक निवेश की जरूरत है।
कोरम के अभाव में लोकसभा की कार्यवाही बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।