नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन के फैसले की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हमारे जवानों और अधिकारियों की अंतिम यात्रा और आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज बयान दे रहे हैं कि भारत को पकिस्तान से बात करना चाहिए। साथ ही यह जानने का भी प्रयास करना चाहिए कि आतंकियों के दिमाग और मन में क्या चल रहा है और वे क्या चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि फारुक अब्दुल्ला जैसे बड़े नेता भी पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं। जबकि, भारत सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।
पात्रा ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए इन नेताओं के बयान को अनुचित और दुखद बताते हुए कहा कि विपक्षी ‘आईएनडीआई’ गठबंधन सैफुद्दीन सोज और फारुक अब्दुल्ला जैसे नेताओं का बहिष्कार करने की बजाय पत्रकारों का बहिष्कार कर रहा है, जो लोकतंत्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ।
जवाहर लाल नेहरू द्वारा संविधान में किए गए पहले संशोधन, इंदिरा गांधी द्वारा लाए गए आपातकाल और राजीव गांधी द्वारा लाए गए डिफेमेशन कानून, जिसके बाद में वापस लेने का जिक्र करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी से भी सवाल पूछा कि क्या यह मोहब्बत के दुकान की लिस्ट है? सामान नफरत का है और बात मोहब्बत की दुकान की करते हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया के प्रति नफरत का प्रदर्शन किया गया है। यह उनकी सच्चाई दिखाता है। यह सबको बॉयकॉट करके अपने लिए सत्ता का शॉर्टकट ढूंढ रहे हैं।
लिस्ट में शामिल 14 एंकर्स की सुरक्षा का सवाल उठाते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने यह भी पूछा कि इनका बॉयकाट किया गया है या इन्हें टारगेट करने के लिए इनके नामों की लिस्ट को जारी किया गया है? क्या यह एक हिटलिस्ट है? एफआईआर करेंगे?
उन्होंने पूछा कि अगर कांग्रेस के कार्यकर्ता इस हिटलिस्ट में शामिल पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करें, उन पर हमला कर दें तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? यह बॉयकॉट लिस्ट नहीं है, हिटलिस्ट है, हिट जॉब है। क्या कांग्रेस सोज, अब्दुल्ला और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देने वाले चंद्रशेखर का बॉयकॉट कर सकते हैं?
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस का भला तभी होगा जब वो राहुल गांधी का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने अवार्ड वापसी और मोमबत्ती जलाने वाले लोगों के शांत रहने पर भी सवाल उठाया।