Wednesday, January 22, 2025

सड़क और संसद का अंतर समझें विपक्षी दल- ओम बिरला

नई दिल्ली। लोकसभा के नव निर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करने से पूर्व हंगामा कर रहे राजनीतिक दलों को कड़ी नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने हंगामा और नारेबाजी कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में मदद करने का भी अनुरोध किया।

 

ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, “आप अपनी जो भी बात रखना चाहते हैं, उसके लिए आपको अवसर दिया जाएगा। पर यहां साफ दिख रहा है कि आप योजनाबद्ध तरीके (प्लांड वे) में संसद की कार्यवाही को चलने नहीं देना चाहते हैं।”

लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि चुनावों के बाद यह संसद का पहला सत्र है। लोग आपके कार्यकलाप देख रहे हैं। जनता ने आपको इसलिए चुनकर भेजा है ताकि आपकी उनकी बात यहां रख सकें लेकिन आप जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे लगता है कि आप सड़क और संसद के बीच का अंतर नहीं समझते हैं। ओम बिरला ने कहा कि संसदीय व्यवस्था और परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केवल उस पर धन्यवाद प्रस्ताव पर ही चर्चा हो सकती है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में नीट परीक्षा का मुद्दा भी उठाया था। आप चर्चा में भाग लेकर उस पर अपनी बात रख सकते हैं। नियम को दरकिनार कर बहस कराने की मांग करने और हंगामा करने की नीयत पर लोकसभा अध्यक्ष ने तीखा कटाक्ष भी किया।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसदीय परम्परा का हवाला देते हुए इसे देश के सर्वोच्च पद के प्रति असम्मान बताते हुए विपक्षी दलों से कहा कि वे धन्यवाद प्रस्ताव में बात रखते हुए किसी भी विषय पर अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। सरकार हर विषय पर जवाब देगी।

पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि पिछली लोकसभा में उन्हें अनेक बार सत्र संचालन करने का अवसर मिलता था। उन्होंने पाया कि विपक्षी दल एक तरफ तो सदन में अपनी बात रखने के लिए समय की मांग करते हैं। इसके विपरीत जब अवसर दिया जाता है तो कोई न कोई शर्त रखकर हंगामा और नारेबाजी करने लगते हैं। कुछ सांसदों को लगता है कि गंभीर चर्चा करने की बजाय हल्ला हंगामा करने से उन्हें ज्यादा प्रसिद्धि मिलेगी। यह सोच संसदीय लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। इस बार विपक्ष पहले से कुछ अधिक संख्या बल में जीतकर आया है। उन्हें अपनी ताकत लोगों की बात रखकर दिखानी चाहिए न कि संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाकर। संसदीय कार्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष की नसीहत और स्पष्ट रूप से नीट पर बहस को तैयार होने की बात कहने के बावजूद विपक्षी दलों का हंगामा बताता है कि वे बहस नहीं, विवाद में विश्वास रखते हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!