मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी दलों में भगदड़ मची हुई है। चुनाव के समय विपक्षियों को जाति की याद आती है। बाकी साढ़े चार साल विपक्ष सोता रहता है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को सरकार की योजनाओं का लाभ दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला एवं विराट किसान संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विपक्षियों को चुनाव के समय जाति की याद आ जाती है। देश में स्किल डेवलपमेंट मिशन के माध्यम से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मिशन रोजगार के अंतर्गत युवाओं को सरकारी नौकरी और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीयता के भाव के साथ भारत एक नई उचाइयों की ओर आगे बढ़ रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित था। उन्होंने ‘हर हाथ को काम’ और ‘हर खेत को पानी’ का नारा दिया था। डबल इंजन की सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी भाव के साथ कार्य कर रही है।
सीएम योगी ने कहा कि भारत को समृद्धि के पथ पर अग्रसित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने गांव, किसान, नौजवान और महिलाओं को माध्यम बनाया है, जिसके परिणाम आज हम सबके सामने हैं। धरती माता के स्वास्थ्य की चिंता प्रधानमंत्री मोदी ने की। इसके लिए केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2014 में स्वायल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को उनकी फसल की क्षति पूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सिर्फ उत्तर प्रदेश में छह वर्ष में 22 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनते ही लघु और सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक कर्ज माफ किया गया। किसान खुशहाल होगा तो देश समृद्ध होगा। आजादी के बाद पहली बार एमएसपी के जरिए किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया जा रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत तीन किस्तों में प्रदेश के 2 करोड़ 62 लाख किसानों को छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ‘खेलो इंडिया, फिट इंडिया’ और सांसद खेल प्रतियोगिता के माध्यम से खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी का नतीजा है कि इस बार के एशियन खेलों में भारत के मेडल्स की संख्या में वृद्धि हुई है।