मुजफ्फरनगर। राजकीय संप्रेषण गृह में निरूद्ध बालकों के हितार्थ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजकीय संप्रेषण गृह में माह जुलाई से माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार एक सुधार कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था।
उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत कई विद्यालयों के अध्यापकों एवं प्रशिक्षकों द्वारा निरंतर वहां निरूद्ध बालकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य में योगदान देने वाले शिक्षकों को आज राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी एवं अपर जिला जज शक्ति सिंह तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार द्वारा सम्मानित किया गया।
शक्ति सिंह ने बताया कि न्याय व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यहां निरुद्ध बालकों के जीवन स्तर में सुधार करना है एवं यह सुनिश्चित करना है कि जब वे यहां से रिहा होकर जाएं तो एक जिम्मेदार नागरिक बनकर अपना जीवन यापन करें। उनके द्वारा यह कहा गया कि जनपद मुजफ्फरनगर द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से इतने व्यापक स्तर पर विभिन्न पाठ्यक्रम बालकों के हित में चलाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उनके द्वारा इस अवसर पर निरुद्ध बालकों का प्रोत्साहन करते हुए निरुद्ध बालको के विषय में यह कहा गया कि सूरज सा तेज नहीं मुझमें दीपक सा जलता देखोगे तुम, मुझको अपनी हद रोशन करने से कब तक रुकोगे। जिला थिधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अनिल कुमार द्वारा यह कहा गया कि प्राधिकरण आगे भी बालकों के सुधार हेतु विभिन्न योजनाएं चलाता रहेगा।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार, सीडब्लूसी के अध्यक्ष राजीव एवं बाल सुधार ग्रह के अधीक्षक मोहित सहित विभिन्न कॉलेजों के अध्यापक उपस्थित रहे।