Friday, January 17, 2025

संभल के 68 तीर्थों और 19 कूपों में से 34 तीर्थों और सभी कूपों को पुराने स्वरूप में लौटाने का कार्य जारी -जिलाधिकारी

मुरादाबाद। संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने रविवार को बताया कि संभल पर्यटन तीर्थ नगरी है। 68 तीर्थ और 19 कूपों में से 34 तीर्थ और 19 कूप चिह्नित कर पुराना स्वरूप लौटाने का कार्य शुरू हो चुका है, इसको संवारा जाना आवश्यक है। वहीं उन्होंने बताया कि संभल के हल्लू सराय स्थित यमतीर्थ को बंधन योजना के तहत 1.18 करोड़ रुपये की लागत से संवारा जाएगा। इसके लिए 58 लाख रुपये मिल चुके हैं।

 

पुराणों में उल्लेख है, कलियुग में भगवान कल्कि का अवतरण उप्र के संभल में होगा। पुराणों में ही प्राचीन काल के संभल को संबल कहा गया है। वर्तमान में संभल कहा जाता है। संभल के 19 प्राचीन कूपों और 68 तीर्थों का वर्णन तमाम धर्मग्रंथों में मिलता है। संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व काफी अधिक है। जिले के खग्गू सराय में बीती 13 दिसंबर को लगभग 46 साल से बंद प्राचीन शिव मंदिर खुलने के बाद जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने धर्मग्रंथों में वर्णिंत इन कूपों सहित तमाम प्राचीन कूपों को खोजकर उन्हें पुनर्जीवित कराने की मुहिम चला रखी है।

 

संभल में 46 साल पुराने मंदिर मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जांच के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र लिखकर जिले के प्राचीन तीर्थ स्थलों और कुओं का निरीक्षण कराने की मांग की थी। एएसआई की टीम ने भी संभल में कई तीर्थ व मंदिरों के साथ ही प्राचीन कूपों का सर्वे किया। वहीं संभल के चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में 21 दिसंबर को खुदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली बावड़ी मिली है। जिसमें तब से लगातार खुदाई और सर्वे का कार्य जारी हैं। प्रतिदिन रहस्यमयी तथ्यों को पता चल रहा है।

लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार की पत्नी कार समेत हुई लापता, पुलिस तलाश में जुटी

 

संभल जिलाधिकारी के अनुसार कि धार्मिक मान्यता है कि संभल शहर त्रिकोणीय स्थिति में बसा है। जिसके तीनों कोनों पर तीर्थ स्थल बने हैं। जिससे ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी पर्यटन का केंद्र बने। डीएम ने कहा कि हल्लू सराय स्थित यमतीर्थ की तरह संभल नगर पालिका क्षेत्र के अन्य तीर्थ और कूप भी इसी योजना के अंतर्गत संवारने का काम किया जाएगा। डीएम ने बताया बताया कि तीर्थों का पुराना स्वरूप लौटाया जाएगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!