Monday, November 4, 2024

मुज़फ्फरनगर में चल रहे है 238 अवैध मदरसे, 17 को नोटिस जारी, 1 नवंबर से लगेगा रोज 10 हज़ार जुर्माना, डीएम से मिली जमीयत

 

मुजफ्फरनगर। जनपद में हुए सर्वे में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या बढ़ी हुए मिली है। अल्पसंख्यक विभाग में बिना पंजीकरण कराए ही नगर क्षेत्र और देहात क्षेत्रों में मदरसों का संचालन हो रहा है। अल्पसंख्यक विभाग ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी तो जनपद स्तर से इन्हें चिन्हित कर नोटिस भेजे जाने लगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में बिना मान्यता चल रहे करीब 17 मदरसों को नोटिस भेजा है। बंदी के आदेश के बाद भी चलते मिलने पर इन पर 10 हजार रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा।

जनपद में संचालित मदरसों की संख्या लगभग 350 है, लेकिन अल्पसंख्यक विभाग से पंजीकृत मदरसे केवल 112 है। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी मैत्री रस्तोगी ने बताया कि जनपद में 112 मदरसों को संचालन के लिए हमारे विभाग से मान्यता है। वहीं जिले में चल रहे करीब 238 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त है, जिनकी रिपोर्ट हमारे विभाग के माध्यम से शासन को भेजी गई है। इसकी एक रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को भी दी गई है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि विभाग के खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को बंद कराने के लिए नोटिस भेजा है। जिले में 17 मदरसों को नोटिस भेजकर तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश है। यह नोटिस निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के अध्यय 4 की धारा (18) 1 के तहत दिया जा रहा है। 12  मदरसे पुरकाजी क्षेत्र में है। इसके अलावा तीन नोटिस मुजफ्फरनगर शहर में भेज गए हैं, जिसमे गैर मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालय भी शामिल है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में संचालित अवैध मदरसों और विद्यालयों को नोटिस भेजा जा रहा है।

खंड शिक्षा अधिकारी ज्योति प्रकाश तिवारी ने बताया कि अल्पसंख्यक विभाग से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची ली गई है। सूची के आधार पर गैर मान्यता प्राप्त संचालित मदरसों को चिन्हित कर लिया है, जिन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। करीब 12 मदरसो को पुरकाजी में नोटिस दिया है। अभी जवाब नहीं मिला है। इन पर 10 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा।

बीएसए शुभम शुक्ला का कहना है कि मुजफ्फरनगर में बिना मान्यता संचालित हो रहे 100 से अधिक मदरसों को बेसिक शिक्षा विभाग ने नोटिस देने के लिए चिन्हित कर लिया है। सभी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है तथा इन्हेंं बंद करने के आदेश दिए जा रहे हैं। इसमें विद्यालयों को भी शामिल किया है। नवंबर तक यदि गैर मान्यता चल रहे मदरसों और विद्यालयों को बंद नहीं किया गया तो एक नवंबर से 10 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से संचालकों पर जुर्माना लगेगा।

इसी बीच प्राप्त नोटिस के चलते जमीयत ए उलेमा हिन्द के कारी जाकिर हुसैन कासमी के नेतृत्व में मदरसा संचालकों का  एक डेलिगेशन भी जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी से मिला और एक ज्ञापन देकर इस मामले से उन्हें अवगत कराकर इस मामले में उचित कार्यवाही की मांग की।

उन्होंने बताया कि जनपद में स्थित मदरसों को शिक्षा विभाग के द्वारा नोटिस दिए गए थे जो अब विवादों में घिरते दिखाई दे रहे है। नोटिस में कहा गया था कि  अगर आपके विद्यालय, मदरसे की मान्यता है, तो आप इससे संबंधित अभिलेख
संबंधित कार्यालय में 3 दिन के अंदर उपलब्ध कराए अन्यथा आपके मदरसे को गैर मान्यता प्राप्त मानते हुए आर.टी.ई
एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और ऐसे में अगर आपका मदरसा खुला हुआ पाया जाता है तो शासन द्वारा 10  हज़ार रूपये प्रतिदिन का जुर्माना वसूला जाएगा तथा आपके विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारी को सूचना दी जाएगी जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा। उन्होंने बताया कि डीएम ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।
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