लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने शनिवार को अखिलेश यादव की बदायूं रैली पर करारा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की स्थिति पर दया आ रही है। न उन्हें अच्छे साथी मिले और न ही कार्यकर्ता। इसी वजह से उनकी सभाओं में लोग तक नहीं जुट रहे।
उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस को अपनी बैसाखी बनाया है, जिसके दोनों पाये पहले से ही टूटे हुए हैं। जीत के लिए उन्हें आम कार्यकर्ता नहीं बल्कि परिवार के लोगों पर भरोसा है। जनता ने इनका शासन देखा है और शुरुआती दोनों चरणो में दंगाइयों, आतंकियों और माफिया को संरक्षण देने वाली सपा को नकार दिया है। बाकी बचे 5 चरणों में ये और इनके सहयोगी पूरी तरह प्रदेश से बेदखल कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में जनता इनका वो हश्र करेगी कि ये आगे चुनाव लड़ने में भी कतराएंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने वैक्सीन पर झूठ फैलाने को लेकर भी अखिलेश को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि तरस आता है ऐसे लोगों पर, जो खुद को विदेशी विश्वविद्यालयों से पढ़ा लिखा बताते हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण वो भोली मासूम जनता को भ्रमित करने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। देश के बड़े-बड़े डॉक्टरों ने इनके झूठ की पोल खोल दी है, लेकिन ये बेशर्मी से अब भी झूठ बोले जा रहे हैं। दरअसल, इन्हें प्रदेश की जनता की कोई फिक्र ही नहीं है। कोरोना के समय भी ये लोग अपने घरों में दुबककर बैठ गए थे और जनता को मरने के लिए छोड़ दिया था। तब भी इन्होंने वैक्सीन का विरोध किया था और आज भी ये वही कर रहे हैं, लेकिन तब भी जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास किया और आज भी लोगों को भरोसा है कि मोदी जी के रहते उन्हें कुछ नहीं हो सकता।
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा के परिवारवाद पर प्रहार करते हुए कहा कि इन्होंने हर वर्ग का तिरस्कार किया है। उन्होंने सिर्फ अपने परिवार की चिंता की है। बदायूं में भी इन्हें कोई कार्यकर्ता नहीं मिला। हर जगह सिर्फ इनका परिवार ही लड़ेंगा। देश का संविधान हर किसी को बराबरी का अधिकार देता है। यहां राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा। यहां गांव, गरीब, किसान, मजदूर का बेटा भी राजा बनेगा। गरीब का बेटा विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बन सकता है।
संविधान का असली उद्देश्य यही है और नरेंद्र मोदी के रूप में एक गरीब का बेटा तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। उनसे अधिक संविधान की महत्ता कौन जान सकता है। इन परिवारवादियों ने अपने दलों में लोकतंत्र को मार दिया है, ये देश की क्या रक्षा कर पाएंगे। ये तो इतने बेशर्म है कि बुजुर्ग महिलाओं से भी अपने बच्चों के पैर छुआने में गुरेज नहीं करते। ये क्या देशवासियों का सम्मान बढ़ाएंगे।