कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार को होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। वहीं, ढालपुर के रथ मैदान में डीजे की धुन पर युवा भी खूब थिरके। सुबह से ही यहां पर विभिन्न टोलियां रंग उड़ाती नजर आईं और घर-घर जाकर बड़े-बुजुर्गों के साथ होली खेलकर उनका आशीर्वाद भी लिया। कुल्लू जिले में दो दिन पहले ही होली का त्योहार शुरू हो जाता है। बुधवार को छोटी होली और गुरुवार को बड़ी होली का आयोजन किया गया। इसके अलावा भुंतर, शमशी, मोहल, गांधीनगर में भी युवा अलग-अलग टोलियों में होली खेलते नजर आए। ढालपुर के रथ मैदान में भी देवता गोहरी युवक मंडल द्वारा डीजे की व्यवस्था की गई थी, जिसमें सैकड़ों युवा होली के गीतों पर झूमते रहे। इसके अलावा लोअर ढालपुर, सरवरी, अखाड़ा बाजार, सुल्तानपुर में भी ढोल नगाड़ों की थाप पर टोलियां झूमती रहीं और होली के गीत गाती रहीं।
सभी अपने आस-पड़ोस तथा रिश्तेदारों के घर होली खेलने पहुंचे और होली की भी बधाई दी। नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने लोगों को होली की बधाई देते हुए कहा कि होली का त्योहार जिला कुल्लू में धूमधाम से मनाया जाता है और आज भी यहां पर बैरागी समुदाय के द्वारा सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। ऐसे में होली का त्योहार आपसी भाईचारे का प्रतीक है और इससे लोगों में सद्भावना भी बढ़ती है। लोग घर-घर जाकर होली के गीत गाते हैं और अपने-अपने देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी ग्रहण करते हैं। कुल्लू में होली खेलने आए 92 साल के एक बुजुर्ग ने बताया कि वह पिछले 50 साल से लगातार होली खेलने के लिए ढालपुर आते हैं और रंगों के त्योहार के बीच खुशियां मनाते हैं। बुजुर्ग ने बताया कि आज की होली में थोड़ा बदलाव जरूर हुआ है, लेकिन लोग अब भी अपने भाईचारे की संस्कृति को अपनाए हुए हैं। ऐसे में होली के त्योहार के माध्यम से सभी लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और भाईचारे की भी मिसाल पैदा करते हैं।