न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से अमेरिका के न्यूयार्क में मुलाकात की तथा ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और व्यापार पर केंद्रित द्विपक्षीय बैठक की।
मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा , ‘न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। भारत-नेपाल मित्रता बहुत मजबूत है और हम अपने संबंधों को और भी गति देने के लिए तत्पर हैं। हमारी बातचीत ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और व्यापार जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही।’
उन्होंने नेपाल को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने वाला 101वां देश बनने पर बधाई दी और जलवायु परिवर्तन की चुनौती के लिए क्षेत्रीय प्रतिक्रिया के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा ,’नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत उसका एक प्राथमिकता वाला भागीदार है। यह बैठक हमारी पड़ोसी प्रथम नीति को आगे बढ़ाने के लिए भारत और नेपाल के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखती है।’
एक भारतीय रीडआउट में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा विकास साझेदारी, जलविद्युत सहयोग, लोगों के बीच आपसी संबंध तथा भौतिक, डिजिटल और ऊर्जा के क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने सहित विविध क्षेत्रों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में कहा , ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी बैठक फलदायी रही। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान उनके साथ सकारात्मक बैठक हुई। बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न मामलों पर चर्चा हुई।’
काठमांडू पोस्ट ने बैठक में उपस्थित नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा के हवाले से कहा कि मोदी ने शीघ्र ही नेपाल की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त की है। बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘मोदी ने कहा कि वह शीघ्र ही नेपाल की यात्रा करेंगे। दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए द्विपक्षीय तंत्र को सक्रिय करने पर सहमति व्यक्त की है।’
नेपाल के प्रतिनिधिमंडल में प्रधानमंत्री ओली, विदेश मंत्री राणा, प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार बिष्णु रिमल, विदेश सचिव सेवा लामसाल, संयुक्त राष्ट्र में नेपाल के स्थायी प्रतिनिधि लोक बहादुर थापा और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत कुमार राय शामिल थे। भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी थे।