नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो-2023 का उद्घाटन कर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया। आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 47वें अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का जश्न मनाने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का विषय ‘संग्रहालय, स्थिरता और कल्याण’ रखा गया है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, मीनाक्षी लेखी और अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे। मेघवाल को आज ही उनके मौजूदा मंत्रालयों के साथ-साथ कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नॉर्थ एवं साउथ ब्लॉक में बनने वाले राष्ट्रीय संग्रहालय के वर्चुअल वॉकथ्रू का भी उद्घाटन किया। यह संग्रहालय भारत के अतीत से संबंधित उन ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तित्वों, विचारों और उपलब्धियों को उजागर करने और प्रदर्शित करने का एक व्यापक प्रयास है, जिन्होंने भारत के वर्तमान के निर्माण में योगदान दिया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के शुभंकर, ग्राफिक नॉवेल-संग्रहालय में एक दिन, भारतीय संग्रहालयों की निर्देशिका, कर्तव्य पथ के पॉकेट मानचित्र और संग्रहालय कार्ड का भी विमोचन किया। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का शुभंकर चेन्नापट्टनम कला शैली में लकड़ी से बनी डांसिंग गर्ल का समकालीन वर्जन है। द ग्राफिक नॉवेल राष्ट्रीय संग्रहालय में आने वाले बच्चों के एक समूह को चित्रित करता है, जहां वे संग्रहालय में उपलब्ध करियर के विभिन्न अवसरों के बारे में सीखते हैं।
भारतीय संग्रहालय की निर्देशिका भारतीय संग्रहालयों का एक व्यापक सर्वेक्षण है। कर्तव्य पथ का पॉकेट मैप विभिन्न सांस्कृतिक स्थानों और संस्थानों पर प्रकाश डालता है और यह प्रतिष्ठित मार्गों के इतिहास के बारे में भी बताता है। संग्रहालय कार्ड देश भर में प्रतिष्ठित संग्रहालयों के सचित्र अग्रभागों के साथ कई काडरें का एक सेट है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए संग्रहालयों से परिचित कराने का एक अभिनव तरीका है। प्रत्येक कार्ड में संग्रहालयों की संक्षिप्त जानकारी शामिल होती है।
आपको बता दें कि, प्रगति मैदान में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो-2023 में दुनिया भर के सांस्कृतिक केंद्रों और संग्रहालयों से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हो रहे हैं।
संसद संग्रहालय और अभिलेखागार भी इस आयोजन में भाग ले रहा है और संविधान की सुलेख प्रति के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों और संविधान सभा से कुछ दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित कर रहा है।