नोएडा। पॉड टैक्सी पर्यावरण बचाने के लिए एक बड़े साधन के रूप में उभरकर सामने आएगी। यह पूरी तरह बैट्री चलित होगी। पहले चरण में आठ हजार, दूसरे चरण में 32 हजार और तीसरे चरण में करीब 50 हजार यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाएगी। इससे सड़क पर निजी वाहनों की संख्या में कमी आएगी। इससे प्रदूषण पर लगाम लगेगी।
विश्व में वैसे तो पॉड टैक्सी का कॉरिडोर बनाने वाली 18 कंपनियां हैं। लेकिन वर्तमान समय में मुख्य तौर पर पांच कंपनियां यह का कर रही हैं। यह कंपनियां नीदरलैंड, अमेरिका, फ्रांस और यूएसए समेत अन्य देशों में निर्माण में जुटी हैं। विश्व में सबसे लंबी और सबसे पुरानी पॉड टैक्सी की शुरुआत 1975 में अमेरिका के मॉर्गनटाउन से हुई थी। इसके बाद 18 देशों में इसे चलाया गया, लेकिन वर्तमान में आठ देशों में यह चल रही है।
पॉड टैक्सी एक तरह से इलेक्ट्रिक कार (बसनुमा) की तरह होती है जो बिना ड्राइवर के चलती है। यह ऑटोमैटिक कार की तरह होती है। जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों को पहुंचाती है। एक बार में पॉड टैक्सी में तकरीबन 6 से 8 यात्री बैठ सकते हैं और 10 से 24 लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं। जिस तरह किसी हाईवे के किनारे सर्विस रोड बनाई जाती है। उसी तरह से इसके लिए ट्रैक बनाया जाता है। कई देशों में इसे ऊपर गामी मेट्रो की तरह भी चलाया जाता है।