Monday, December 23, 2024

बीजेपी के यूपी प्रवक्ता से बोला दरोगा- ‘सारी रंगबाजी उतार दूंगा’,नेता जी का छलक गया दर्द, कार से बीजेपी का झंडा भी उतारा

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और समर्थकों की अधिकारियों के साथ टकराव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। मामला बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का सामने आया है। बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी को पुलिस ने हड़काया तो उनका दर्द छलक पड़ा. उन्होंने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को मामले की लिखित शिकायत दी. ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए कहा कि सारी रंगबाजी उतार दूंगा. अब ट्रैफिक इंस्पेक्टर आशुतोष त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया गया है.

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी को लखनऊ पुलिस ने अपमानित किया है।  उनकी गाड़ी रोककर पूरी तलाशी हुई और हूटर बत्ती आदि चेक की गई। त्रिपाठी के साथ गाड़ी में उनका परिवार भी था। उन्होंने परिचय दिया लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। बाद में राकेश त्रिपाठी ने बीजेपी का झंडा भी अपनी गाड़ी से उतार दिया है। उन्होंने अपनी गाड़ी में अब अधिवक्ता लिखवा लिया। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या हुआ। उन्होंने जवाब दिया कि आपने जो सुना है, वह सही है।

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस मामले में डीसीसी यातायात को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि वह भाजपा प्रवक्ता हैं। 22 जून को वह श्रीनगर से परिवार के साथ वापस लखनऊ लौटे हैं। शाम करीब साढ़े छह बजे वह लखनऊ एयरपोर्ट से कार में बैठकर घर जा रहे थे। एयरपोर्ट के पास उपनिरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी वाहनों के हूटरों को चेक कर रहे थे। इसी दौरान उपनिरीक्षक ने भाजपा प्रवक्ता के वाहन को रोककर चेकिंग शुरू की। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी हूं और मेरे साथ मेरा पूरा परिवार है। उनके परिचय देते ही दरोगा भड़क उठा।  उपनिरीक्षक आग बबूला हो गया और कार के अंदर का भी वीडियो बनाने लगा। उसने राकेश त्रिपाठी से दुर्व्यवहार भी किया और कहा- ‘सारी रंगबाजी उतार दूंगा’

उन्होंने फौरन इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक से की। इसके बाद उपनिरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर आशुतोष त्रिपाठी ने ही राकेश त्रिपाठी की एसयूवी से हूटर उतरवा दिया था। कल शाम एयरपोर्ट के पास यह घटना हुई। टीआई आशुतोष त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी हो गए हैं।

योगी सरकार ने हाल ही में राज्य के अफसरों और कर्मचारियों के लिए मीडिया और सोशल मीडिया गाइडलाइंस जारी की हैं। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब अफसरों या कर्मचारियों को किसी मेन स्ट्रीम मीडिया में बोलने या सोशल मीडिया पर लिखने से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बिना मंजूरी लिए अखबार में लिखने, टीवी या रेडियो के किसी कार्यक्रम में शामिल होने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में अफसरों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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