नोएडा। नोएडा के सेक्टर-116 में हुई 22 वर्षीय ईरानी युवती की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी समेत अन्य फरार आरोपियों का पासपोर्ट और वीजा न मिलने के कारण पुलिस को लुकआउट नोटिस जारी करने में देरी हो रही है। लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए किसी भी विदेशी व्यक्ति का पासपोर्ट होना पहली प्राथमिकता है।
उसी के आधार पर लुकआउट नोटिस जारी होता है। इस मामले में नोएडा पुलिस 100 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी दाउद समेत चार लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस की तीन टीमें आरोपियों की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। केस दर्ज होने के बाद से फरार आरोपियों के मोबाइल नंबर बंद हैं।
मृतक युवती का शव सेक्टर-71 स्थित एक निजी अस्पताल के फ्रीजर में बीते कई दिनों से रखा है। दूतावास से स्वीकृत रिपोर्ट मिलने के बाद युवती के शव को ईरान भेजा जाएगा। वहीं उसका अंतिम संस्कार होगा। एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि सेक्टर-116 स्थित एक मकान में ईरानी मूल का एक परिवार और उसके रिश्तेदार रहते हैं। प्रथम तल पर फिरोज परिवार के साथ रहता है।
जबकि दूसरे मंजिल पर इब्राहिम उर्फ दाउद उर्फ इमरान हाशमी और तीसरी मंजिल पर असलम का परिवार रहता है। तीनों परिवार नोएडा में रहकर कपड़ों का कारोबार करते हैं। शुक्रवार देर रात दो ईरानी परिवारों के बीच किसी बात पर झगड़ा हो गया था। बात बढ़ने पर दाउद और फिरोज के परिवार आमने-सामने आ गए और मारपीट होने लगी।
इसी दौरान दाउद ने गुस्से में आकर फिरोज की 22 वर्षीय बेटी जीनत के गले पर चाकू से वार कर घायल कर दिया। कई अन्य लोग भी मारपीट में चोटिल हुए हैं। आनन फानन में फिरोज अपनी घायल बेटी जीनत को उपचार के लिए सेक्टर-70 स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस मामले में मृतक युवती के पिता फिरोज ने असलम उर्फ नासिर, इब्राहिम उर्फ दाउद उर्फ इमरान हाशमी, अली उर्फ वहीद खान, जहरा, जीनत अहमदी, जरीन, फरशीद हमेदानी और अली असगर हमेदानी के खिलाफ सेक्टर-113 थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में फरशीद, जहरा, जीनत और जरीन को गिरफ्तार कर लिया है।