लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि विधानसभा उपचुनाव में पुलिस प्रशासन सपा समर्थकों को वोट देने से रोक रहा है और ऐसे में चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करने की जरुरत है।
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यादव ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि कानपुर के सीसामऊ समेत कुछ अन्य विधानसभा क्षेत्रों में पुलिस मतदाताओं के पहचान पत्र देख रही है और उन्हे वोट देने से रोका जा रहा है जो अलोकतांत्रिक है।
उन्होने मतदाताओं से अपील की कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग जरुर करें और तब तक मतदान केंद्रों पर जाये जब तक उन्हे वोट डालने की इजाजत नहीं दी जाती।
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सपा अध्यक्ष ने एक्स पर भी लिखा “ उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओं को पुलिस-प्रशासन द्वारा वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से वोट डालने जाएं। इस चुनावी गड़बड़ी की सूचना हर तरफ़ फैल गई है। चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है और अब उसकी तरफ़ से ये आश्वासन मिल रहा है कि जिन लोगों को वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से जाएं और अपना वोट ज़रूर डालें। अब कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अगर फिर से कोई रोके तो आप वहाँ उपस्थिति चुनाव आयोग के अधिकारियों या राजनीतिक दलों के लोगों को सूचित करें या चुनाव आयोग से सीधी शिकायत करें। चुनाव आयोग से मिले इस आश्वासन के लिए धन्यवाद।” यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चुनिंदा पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गयी है और उन अधिकारियों की सूची उनके पास है। भाजपा की सरकार जाने के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों को देखा जायेगा।
उन्होने कहा कि प्रशासन व पुलिस के बेईमान अधिकारी बख़्शे नहीं जाएंगे। उनके वीडियो साक्ष्य उनके ख़िलाफ़ वैधानिक कार्रवाई का आधार बनेंगे। उन्होने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तित्व है तो वो जीवंत होकर, प्रशासन के द्वारा वोटिंग को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत सुनिश्चित करे।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे। रास्ते बंद न किये जाएं। वोटर्स के आईडी ज़ब्त न किये जाएं। असली आईडी को नक़ली आईडी बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए। मतदान की गति घटायी न जाए। समय बर्बाद न किया जाए, ज़रूरत पड़ने पर वोटिंग का टाइम बढ़ाया जाए। प्रशासन सत्ता का प्रतिनिधि न बने।
चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकार्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी हटाए जाएं।
उन्होने कहा कि जो भी पुलिस अधिकारी वोटर कार्ड और आधार आईडी चेक कर रहे हैं, उन्हें वीडियो के आधार पर तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जाँचने का कोई अधिकार नहीं है।