सियोल। दक्षिण कोरिया में निलंबित राष्ट्रपति यून सुक येओल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और जांच एजेंसियों ने शुक्रवार को उनके आवास पर दबिश दी। अधिकारियों ने राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार करने और तलाशी वारंट निष्पादित करने की प्रक्रिया शुरू की। उनके घर के बाहर समर्थकों और प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ जमा हो गई, जो उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रही है।
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राष्ट्रपति यून सुक येओल पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के विवादित फैसले के कारण महाभियोग लगाया गया था। उनके इस कदम ने संसद और मंत्रिमंडल को झकझोर दिया, जिसने महज छह घंटे में मार्शल लॉ को निष्प्रभावी कर दिया। इसके बाद, संयुक्त जांच मुख्यालय ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी और तलाशी वारंट जारी किया। यह दक्षिण कोरिया में किसी मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ जारी किया गया पहला गिरफ्तारी वारंट है।
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स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे जांच अधिकारियों और पुलिस की टीम ने यून सुक येओल के आवास पर पहुंचकर घेराबंदी की। भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (CIO) के अधिकारी और उच्च रैंकिंग अधिकारी भी जांच टीम का हिस्सा थे। पुलिस ने यून से सहयोग की मांग की, लेकिन उनके समर्थकों ने गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश की।
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यून सुक येओल ने देश में मार्शल लॉ लागू करने के अपने फैसले पर देश से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक भविष्य का फैसला उनकी पार्टी करेगी। यून का राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल मई 2027 तक है।
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यून सुक येओल ने देश में मार्शल लॉ लागू कर न केवल दक्षिण कोरिया, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया था। हालांकि, इसे संसद और मंत्रिमंडल ने तुरंत रद्द कर दिया, लेकिन इससे उनकी छवि पर गहरा असर पड़ा।
इस कदम को तानाशाही की ओर बढ़ने का संकेत माना गया। मार्शल लॉ के कारण देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी निंदा हुई।
दक्षिण कोरिया, एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मौजूदा स्थिति ने देश की राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यून की गिरफ्तारी की कोशिश और समर्थकों का विरोध इस मुद्दे को और जटिल बना रहा है।