इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रविवार को पोलियो के तीन नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ इस साल देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 55 हो गई है। पोलियो उन्मूलन के लिए पाकिस्तान का विशाल और अंतहीन संघर्ष जारी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के पोलियो उन्मूलन के लिए रीजनल रेफरेंस लेबोरेटरी ने डेरा इस्माइल खान, झोब और जाफराबाद सहित तीन जिलों में वाइल्ड पोलियो वायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी 1) के पाए जाने की पुष्टि की है। देश के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले डेरा इस्माइल खान में इस साल पोलियो के छह मामले सामने आए हैं। इस बीच, दक्षिण-पश्चिमी जिलों जोब और जाफराबाद में क्रमशः तीन और दो मामले सामने आए हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के दो मात्र ऐसे देश हैं, जहां पोलियो अब भी फैल रहा है। ब
लूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा समेत अशांत क्षेत्रों में अतीत में पोलियो टीकाकरण अभियान को नकारा गया है और यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मियों की मौतें भी हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में नये मामलों का पता चलना एक खतरनाक संकेत है, जिससे कई जिलों में बच्चों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
हालांकि, पाकिस्तान पोलियो कार्यक्रम का दावा है कि जनवरी 2024 से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाए गए हैं। फिर भी कई विश्लेषकों ने पोलियो वायरस के प्रसार को रोकने में सरकार की निरंतर विफलता पर सवाल उठाया है। माना जाता है कि पोलियो टीकाकरण अभियान के प्रति देश में प्रतिरोध तब बढ़ा जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन का पता लगाने के लिए एक फर्जी हेपेटाइटिस टीकाकरण अभियान चलाया। लादेन दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था, जिसे 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नौसेना के अभियान के दौरान मार दिया गया था।