पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वाराणसी में 24 दिसंबर को होने वाली रैली रद्द होने के बाद बिहार का सियासी पारा गर्म हो गया है। भाजपा ने रैली के रद्द होने के बाद जदयू पर तंज कसा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर खुद रैली रद्द करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि एक पुरानी कहावत है कि ‘रोने का मन हुआ तो आंख में गड़ा खुट्टी’… वही हाल आज हो रहा है। नीतीश कुमार की रैली में भीड़ नहीं जुटने वाली थी, अब वे तरह-तरह की बात कर रहे हैं। वहां कैंप करके जदयू के नेता अपनी ताकत भांप रहे थे। हकीकत पता चला तो अपने कार्यक्रम को खुद कैंसिल कर दिया।
सरकार द्वारा रैली के लिए आदेश नहीं देने के आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने एक कहावत कहा कि घोड़ा के साथ-साथ मेंढक भी नाल ठोकवाने चले हैं।
जन सुराज के सूत्रधार और चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को ये समझ या आकलन करने की क्षमता ही नहीं है कि अगर आप महागठबंधन के साथ गए हैं और चुनाव हार गए तो आपकी पार्टी ही नहीं बचेगी।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार राजनीति में कोई फैक्टर नही हैं। नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में कोई महत्व के नेता नहीं हैं। लोकसभा चुनाव-2024 के नजरिए से इतना कह सकता हूं कि एक पार्टी जिसकी सबसे बड़ी हार होगी, वह जदयू है। इस पार्टी को पांच सीटें भी नहीं आएंगी।