नयी दिल्ली – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रतीक नागरिक को राजनीति में भाग लेने का अधिकार है लेकिन राजनीति को राष्ट्र के विकास में बाधा नहीं बनना चाहिए।
श्री धनखड़ ने जम्मू-कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए लोकतांत्रिक प्रणाली में बाधा थे।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब भारतीय संविधान का हिस्सा नहीं है। यह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना है जो वास्तविकता में बदल गया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को राजनीति में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन राजनीति को प्रगति में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. एन कलैसेलवी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
श्री धनखड़ ने कहा कि संविधान का एक अस्थायी प्रावधान राष्ट्र के लिए हानिकारक हो गया, जिससे एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो गया जिसने क्षेत्र के लोगों को विकलांग बना दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में समाज के जिन वर्गों को पहले सरकारी योजनाओं के तहत उनके अधिकारों और लाभों से वंचित किया गया था, अब उनकी आवाज बुलंद है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब संविधान का हिस्सा नहीं रहा है।
श्री धनखड़ ने कठुआ में एक अन्य कार्यक्रम “उत्तर भारत में उभरते स्टार्टअप रुख” पर बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो के उद्घाटन को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र की वृद्धि और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता, समानता, पारदर्शिता और जवाबदेही , महत्वपूर्ण है।प्रतिभा आधारित तंत्र और महिलाओं का सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है।
उन्होंने उन अवसरों की ओर ध्यान आकर्षित किया जो जम्मू-कश्मीर की महिलाओं के लिए खुल गए हैं, जिनमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अलावा, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद संपत्ति के अधिकार भी शामिल है।