सहारनपुर। अपनी लेखन, गायन, संगीत, चित्रांकन, योग और संबोधन की बहुआयामी प्रतिभा के कारण देवी प्रत्यक्षा के नाम से पहचान बना चुकी महज 13 साल की प्रत्यक्षा का विदेशियों में भी श्रीराम नाम की बयार बहाने वाला पॉप स्टाइल भजन राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व कल रिलीज हो गया।
उन्होंने इस भजन को लिखने, कंपोज करने और गाने का काम स्वयं किया है। यह प्रत्यक्षा का चौथा गाना है। पूर्व में भी उसके गाने पूर्ण राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, संघ प्रमुख मोहन भागवत और विख्यात अंग्रेजी साहित्यकार रुस्किन बांड ने रिलीज किए गए हैं। पांच साल की उम्र में ही कला प्रतिभा की धनी देवी प्रत्यक्षा के चित्रांकन और अभिनय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना मिल चुकी है। जिन्होंने उसकी प्रतिभा को न सिर्फ पत्र लिखकर सराहा अपितु उससे मिलने की इच्छा जताई है।
देश में इस समय अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अभूतपूर्व माहौल देखने को मिल रहा है। यह कार्यक्रम 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में होने वाला है जिसके इसके मुख्य यजमान पीएम नरेंद्र मोदी हैं। राम मय माहौल में राम भजन भी सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में नई एंट्री है प्रत्यक्षा सारस्वत के राम भजन की, जो पॉप स्टाइल का पहला बाइलिंगुअल (द्विभाषी) भजन बताया जा रहा है।
कल से ही देवी प्रत्यक्षा का यह राम भजन कई म्यूजिक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कर दिया गया है। जिनमे स्पोटिफाई, एप्पल म्यूजिक, अमेजन म्यूजिक, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म शामिल हैं। ज्ञातव्य है कि देवी प्रत्यक्षा क्वीन ऑफ कथक योगा जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त नृत्यांगना और आज योग की गुरु मां बन चुकी सहारनपुर वासी आचार्या प्रतिष्ठा की पुत्री है और इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, चीन जैसे देशों में अपनी बानगी दिखाकर मात्र दस साल की उम्र में मांरिशस की राष्ट्रीय योग चैंपियन रह चुकी है।