देवबंद। गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में दूसरे पातशाह साहिब श्री गुरू अंगद देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया। संगत को सम्बोधित करते हुए हजूरी रागी भाई गुरदयाल सिंह ने गुरू जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरू अंगद देव जी का जन्म 10 अप्रैल 1504 को फिरोजपुर के गांव हरीके में पिता फेरू जी व माता रामो देवी जी घर हुआ था। उनका बचपन का नाम भाई लहणा जी था।
भाई लहणा जी की सेवा भावना व आस्था को देखते हुए गुरू नानक देव जी ने परलोक गमन से पूर्व उन्हें गुरू गद्दी सौंपी थी। भाई मनिंदर सिंह ने गुरवाणी गायन कर संगत को निहाल किया। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी। इस दौरान बलदीप सिंह, विपिन नारंग, हर्ष भारती, हर्षप्रीत मनचंदा, अजय निझारा, राजीव कक्कड़, गुरजोत सेठी आदि मौजूद रहे।