मीरजापुर। अद्भुत, अलौकिक व अविस्मरणीय विंध्य कॉरिडोर के लोकार्पण की घड़ी अब नजदीक आ चुकी है। अयोध्या श्रीराम मंदिर से पहले दिसम्बर-2023 तक इसके लोकार्पण की तैयारी है। संभवतः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विंध्यकॉरिडोर का लोकार्पण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर कार्यदायी संस्था भी पूरी तरह सक्रिय है। विंध्य कॉरिडोर को आकार देने के लिए करीब 300 मजदूर सेवा-भाव के साथ तीन शिफ्टों में दिन-रात जुटे हुए हैं।
331 करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर अभी तो निर्माणाधीन है, लेकिन आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम की भव्य झलक विश्व फलक पर छा चुकी है। लोकार्पण के बाद गुलाबी आभा से दमकता भव्य-नव्य विंध्य कॉरिडोर आस्था के सम्मान के साथ देश-दुनिया को रिझाएगा तो वहीं आस्था का गलियारा मां विंध्यवासिनी की महिमा का अहसास कराएगा। संकरी गलियां, कंकरीट मार्ग और ऊंचे-ऊंचे भवन से घिरा मां विंध्यवासिनी मंदिर अब पुरानी बात हो चुकी है। विंध्य कॉरिडोर का निर्माण होने से अब आकर्षक प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे और चौड़े मार्ग राह आसान बनाएंगे। वैसे एक अगस्त 2021 को गृह मंत्री अमित शाह ने विंध्य कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। अब निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। दिसंबर 2023 निर्माण कार्य का लक्ष्य निर्धारित होने से देश-दुनिया की निगाहें अब लोकार्पण के इंतजार में हैं।
विंध्य कॉरिडोर के प्रोजेक्ट मैनेजर व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के प्रबंधक विरेंद्र कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। नवंबर के अंत तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। दिसंबर तक विंध्य कॉरिडोर देश-दुनिया के सामने होगा।
रेलवे स्टेशन से सीधे विंध्य कॉरिडोर में प्रवेश करेंगे श्रद्धालु
मां गंगा व विंध्यवासिनी का मिलन स्थल विंध्याचल धाम धार्मिक स्थल के साथ पर्यटन केंद्र बनेगा। विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलने से देश-दुनिया से विंध्यधाम आने वाले श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के आंगन में सुकून भरे पल बिताएंगे और रोमांच का अहसास करेंगे। पहले विंध्यधाम आ चुके श्रद्धालु अब आने आएं तो यहां ठहरने को मजबूर हो जाएंगे। विंध्य कॉरिडोर से धार्मिक संकल्पना साकार होने के साथ विंध्य क्षेत्र की तरक्की होगी और रोजगार सृजन भी होगा। मुख्यमंत्री योगी की दूरगामी सोच से विंध्यवासिनी धाम देश का पहला धार्मिक स्थल होगा, जहां ट्रेन से उतर स्टेशन से निकलते ही सीधे विंध्य कॉरिडोर में प्रवेश कर सकेंगे। यही नहीं, विंध्याचल धाम को हवाई व जलमार्ग से भी जोड़ने की योजना है।
अब विंध्यवासिनी मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे श्रद्धालु
विंध्य कॉरिडोर से विंध्यवासिनी मंदिर पहुंचने के लिए चार प्रमुख मार्ग यथा कोतवाली मार्ग, न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी व पक्का घाट मार्ग हैं। इन सभी मार्गों पर आकर्षक प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। प्रवेश द्वार से अंदर जाकर परिक्रमा पथ पहुचेंगे, फिर विंध्यवासिनी मंदिर तक जा सकेंगे। मंदिर तक पहुंचते-पहुंचते कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मार्ग पर मकान के दीवारों पर उकेरी गईं भव्य तस्वीरें भी लुभाएंगी।
दिव्यता की छाप छोड़ रहे परिक्रमा पथ
130 खंभों पर तैयार दो मंजिला परिक्रमा पथ मानो दिव्यता की छाप छोड़ रहे हों। अब यहां एक साथ सैकड़ों श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे, जो पहले संभव नहीं था। अहरौरा के गुलाबी पत्थरों से सुसज्जित खम्भे परिक्रमा पथ की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। विंध्य कॉरिडोर निर्माण के साथ यहां सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई जाएगी। सख्त पहरा रहेगा। मंदिर सहित समूचा मार्ग सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है।