मेरठ। ठंड के बढ़ने के साथ ही दिल के रोगियों की परेशानी बढ़ेगी। ऐसा चिकित्सकों का मानना है। मरीजों को सावधानी जरूरी है। चिकित्सकों के अनुसार आलस छोड़कर 6 घंटे की गहरी नींद लें और जांच कराते रहें। बता दें इन दिनों मेडिकल और जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। सर्दियों में रक्त वाहनियां संकरी होने से दिल की मरीजों को काफी परेशानी होती है। अगर दिल की बीमारी है तो आलस छोड़ दें और पहले अपनी सेहत का खास ख्याल रखें।
दरअसल सुबह और रात में ठंड दस्तक देने लगी है। अस्पतालों में मरीज़ों की संख्या बढ़ने लगी है। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में पिछले दो सप्ताह से दिल के मरीज़ बढ़ने लगे हैं। आशंका है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। ऐसे हर दिन हल्का व्यायाम करें। सुबह में ठंड ज़्यादा हो तो व्यायाम घर पर रहकर ही करें। कम से कम 6 घंटे की गहरी नींद लें। साथ ही अपने दिल के डॉक्टर से हमेशा संपर्क में रहें। रक्तचाप, पल्स और ऑक्सीजन की जांच करते या कराते रहें।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ दिल के रोगियों की परेशानी भी बढ़ने लगती है। सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है, जिससे रक्त वाहनियां संकरी हो जाती हैं और दिल के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है, जो दिल के रोगियों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। जिन लोगों का कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है उनके लिए यह मौसम खासा खतरनाक होता है। दिल के मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मुकाबले हार्ट फेल का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में सांस फूलने की शिकायत को इस मौसम में बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सांस फूलने की परेशानी फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है। अगर किसी की अचानक बैठे-बैठे भी सांस फूलने लगे तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इसमें लापरवाही घातक हो सकती है।