Wednesday, January 22, 2025

‘प्रोजेक्ट चीता’ को मिली बड़ी सफलता, कूनो नेशनल पार्क चीतों के लिए बनता जा रहा ‘अपना घर’

नई दिल्ली। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामिबियाई चीता ‘आशा’ ने तीन शावकों को जन्म दिया है। बुधवार को केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने अपनी एक पोस्ट में कहा कि उन्हें यह बताते हुए रोमांच हो रहा है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में तीन नए सदस्यों का पदार्पण हुआ है।

उन्होंने बताया कि नामीबियाई चीता आशा ने इन तीन शावकों को जन्म दिया है। केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट चीता के लिए बड़ी सफलता है, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने के लिए की थी। यादव ने परियोजना में शामिल सभी विशेषज्ञों, कूनो वन्यजीव अधिकारियों और भारत के वन्यजीव प्रेमियों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 चीतों के नए जत्थे का स्वागत किया था। 18 फरवरी को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 चीतों को छोड़ा गया था। इस विषय पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना था, “इस विकास से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिलता है।”

गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका से यह 12 चीते भारत लाए गए थे। अफ्रीका से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया है। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्वालियर और उसके बाद हेलीकाप्टरों के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का काम भारतीय वायु सेना द्वारा किया गया।

अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण अभ्यास के दौरान चीता विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों के साथ था। इससे पहले 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया था। इन चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने क्वारंटाइन बोमास में छोड़ा था। अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि के बाद इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया।

केंद्र सरकार के मुताबिक भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है।

इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार दक्षिण अफ्रीका के साथ साल 2021 से द्विपक्षीय वार्ता कर रही थी। यह वार्ता जनवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी।

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