देहरादून | उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को लेकर इस बार परिवहन निगम सतर्क है। ऋषिकेश में एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनवाने पहुंच रहे चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। फिट पाए जाने के बाद ही उन्हें चारधाम यात्रा रूट पर वाहन चलाने की अनुमति दी जा रही है। अभी तक 15 वाहन चालकों को अनफिट पाए जाने पर घर भेजा गया है। डॉक्टरों ने चालकों को घर पर रेस्ट करने के निर्देश दिए हैं। चालकों को परामर्श देकर बेहतर इलाज लेने के लिए भी कहा है।
दरअसल चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहन एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं। ग्रीन कार्ड बनाने से पहले चालकों की मेडिकल जांच भी की जा रही है। जो चालक मेडिकल जांच में फिट पाए जा रहे हैं, उनको ही यात्रा मार्ग पर भेजने की अनुमति एआरटीओ दे रहा है। इसी कड़ी में 3 दिन के अंदर एआरटीओ कार्यालय में राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के द्वारा लगाए गए मेडिकल शिविर में 1600 चालकों की मेडिकल जांच की जा चुकी है। इसमें 15 चालक अनफिट मिले हैं। डॉक्टरों की टीम ने अनफिट मिले 15 चालकों के नामों की जानकारी एआरटीओ कार्यालय को उपलब्ध करा दी है।
मेडिकल शिविर में बैठे फिजिशियन डॉक्टर सचिन भंडारी ने बताया कि ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए आ रहे वाहन चालकों का पहले मेडिकल टेस्ट किया जा रहा है। जो वाहन चालक फिट मिल रहे हैं, उनको ही चारधाम यात्रा मार्ग पर जाने की सलाह दी जा रही है। अभी तक 1600 में से 15 चालक अनफिट मिले हैं। मेडिकल टेस्ट कराने का मकसद यही है कि चारधाम यात्रा पर चालक की वजह से यात्रियों की जान को कोई खतरा ना हो। किसी भी प्रकार की कोई सड़क दुर्घटना ना हो। यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल टेस्ट होने से यात्रा और ज्यादा सुरक्षित होगी।
वहीं दूसरी ओर सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में तैनात क्षेत्रीय निरीक्षक ने बताया कि वाहनों की फिटनेस को बेहद ही गहनता से चेक किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से टायर, लाइट, ब्रेक, बॉडी, फस्र्ट एड बॉक्स, फायर सेफ्टी उपकरण और डस्टबिन की जांच की जा रही है। जिस वाहन में इन सब सुविधाओं में से किसी की भी कोई कमी मिल रही है, उसको ग्रीन कार्ड जारी नहीं किया जा रहा है।