इंफाल | मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ भाजपा विधायकों के एक वर्ग के बीच नाराजगी और सरकारी पदों से सत्तारूढ़ पार्टी के चार विधायकों के इस्तीफे के बीच गुरुवार को एक बैठक हुई, लेकिन यह अनिर्णायक रही। सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि बैठक के बारे में पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी के पूर्वोत्तर समन्वयक और बैठक में मौजूद राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा गुरुवार की बैठक के बारे में केंद्रीय नेताओं को रिपोर्ट करेंगे और उसके बाद आलाकमान फैसला करेगा।
मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 13 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच चार विधायक थोकचोम राधेश्याम, करम श्याम, रघुमणि सिंह और पोनम ब्रोजेन सिंह ने अपने सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया। भाजपा के चार विधायक क्रमश: मुख्यमंत्री के सलाहकार और मणिपुर राज्य पर्यटन विकास निगम, मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी और मणिपुर विकास सोसायटी के अध्यक्ष थे। चारों विधायकों ने दावा किया कि उन्हें अपने पदों पर काम करने के लिए उचित जिम्मेदारी, धन और अधिकार नहीं दिए गए।
बीरेन सिंह ने इस सप्ताह के आरंभ में दावा किया था कि विधायकों के बीच कोई मतभेद और नाराजगी नहीं है।
उन्होंने गुरुवार की बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा कि बैठक में 30 अप्रैल को दुनिया भर में प्रसारित होने वाले मन की बात के 100वें संस्करण की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात ने न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को छुआ है, सिंह ने दावा किया और सभी से इस रविवार सुबह 11 बजे मन की बात सुनने की अपील की।
बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा संबित पात्रा, मणिपुर की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा देवी और राज्य के पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।