नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज कहा कि प्रोजेक्ट मिष्टी न केवल मैंग्रोव बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में मदद करेगा। यह सीओपी अनुकूलन एजेंडा को पूरा करने और कार्बन सिंक बनाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। वह गुरुवार को द्वारका के रुक्मिणी मंदिर के पास हरियाली महोत्सव में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से एक अद्वितीय जैव विविधता संरक्षण मॉडल तैयार किया है। इस प्रयास के हिस्से के रूप में बजट 2023-24 में सरकार ने वनीकरण में भारत की सफलता के आधार पर शोरलाइन हैबिटेट्स एंड टैंजिबल इनकम (मिष्टी) के लिए मैंग्रोव पहल शुरू की। इस योजना के तहत समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव वृक्षारोपण किया जा रहा है।
इस मौके पर भूपेन्द्र यादव ने मैंग्रोव वृक्षारोपण भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन और प्रोजेक्ट लायन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों के स्वास्थ्य और उनके संरक्षण के पारिस्थितिक संकेतक के रूप में मैंग्रोव पारिस्थितिकी प्रणालियों और डॉल्फ़िन के महत्व पर जोर दिया।