मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने अपने कार्यकाल की सातवीं बोर्ड मीटिंग में दूसरा बजट सर्वसम्मति पारित कराया है। नगरपालिका की बोर्ड मीटिंग में विशेष प्रस्ताव में बजट के साथ ही कुल 3० प्रस्तावों को 3० मिनट चली बैठक की कार्यवाही में सहमति से पारित कराने में चेयरपर्सन से सफलता अर्जित की।
वित्तीय वर्ष 2०24-25 में पालिका ने शहर के विकास और अन्य मदों में कुल 346.55 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है, जबकि इस वर्ष 246.45 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का प्रस्ताव है। एक अरब ज्यादा खर्च करने के बाद भी पालिका कोष में 35.84 करोड़ रुपये अवशेष रहने का अनुमान है।
इस दौरान सभासदों ने अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए कार्यवाही की मांग की। बोर्ड मीटिंग में दिल्ली की कंपनी की कार्यप्रणाली को लेकर भी कुछ सभासद नाराज दिखे और छोटी गलियों से कूड़ा निस्तारण नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था ठप होने के आरोप भी लगाये, इसके अलावा कई प्रस्तावों पर ऐतराज जताते हुए उनका पुन: परीक्षण कराने की मांग भी सभासदों ने की। बुधवार को नगरपालिका परिषद् के सभागार में मौजूदा बोर्ड की सातवीं सामान्य मीटिंग का आयोजन किया गया।
इस मीटिंग में बोर्ड से नवागत ईओ प्रज्ञा सिंह का पहला परिचय था। सभासदों ने उनका स्वागत किया। ईओ प्रज्ञा सिंह ने सदन के समक्ष एजेंडा प्रस्तुत किया। इसमें गत कार्यवाही की पुष्टि के साथ ही सभासद मौ. खालिद ने एजेंडे के साथ ही सभासदों को गत कार्यवाही की पुष्टि भी भिजवाये जाने की मांग की। ईओ ने आगामी बैठक से इसे लागू करने का आश्वासन दिया, इसके बाद बजट प्रस्ताव रखा गया। इसमें बताया गया कि पालिका के पास फरवरी 2०24 तक 135 करोड़ 94 लाख 68 हजार 541 रुपये का धन अवशेष है और वित्तीय वर्ष 2०24-25 में पालिका ने अपनी अनुमानित आय 246 करोड़ 45 लाख 1० हजार रुपये मानी है। इसके सापेक्ष 346 करोड़ 55 लाख रुपये शहर के विकास तथा अन्य मदों में खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
पालिका के इस लाभ के बजट के तहत वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 करोड़ 84 लाख 78 हजार 541 रुपये अवशेष रहने का अनुमान है, इसके साथ ही बोर्ड बैठक में सभासद योगेश मित्तल ने कई प्रस्तावों पर अपना ऐतराज जताया। उन्होंने प्रस्ताव संख्या 242, 243 और 244 में विभागीय गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसका परीक्षण कराने की मांग करते हुए अगली बैठक में लाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन बहुमत के आधार पर उनकी मांग अस्वीकृत कर दी गयी। इसके साथ ही सभासद अर्जुन कुमार ने प्रस्ताव संख्या 239 और 24०, जिसमें जलकल विभाग के नलकूपों पर विद्युत लाइन बनाने का प्रस्ताव दिया गया है, पर ऐतराज जताया गया कि इसमें व्ययानुमान गलत बनाया गया है।
इसका विद्युत विभाग से बिन्दूवार व्ययानुमान प्रस्तुत किया जाये। वहीं सभासद अब्दुल सत्तार ने कूड़ा निस्तारण के लिए काम कर रही दिल्ली की कंपनी के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वो टिपर वाहनों से डोर डोर कूड़ा ले रहे हैं, लेकिन जहां तंग गलियां हैं, वहा वाहन नहीं जा रहे हैं, इससे वहां कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है और लोग गलियों व सड़कों पर ही कूड़ा डाल रहे हैं, जिससे सफाई व्यवस्था ठप है।
उन्होंने निस्तारण नहीं होने पर धरना देने की भी बात सदन में कही। इसके अलावा सड़कों की निम्न गुणवत्ता, पेयजला आपूर्ति, विद्युत व्यवस्था और सफाई आदि मुद्दों पर भी सभासदों ने अपनी बात रखी। सभासद रजत धीमान और शौकत अंसारी ने कहा कि वार्डों निर्माण कार्य सभासदों को सूचना दिये बिना ही शुरू करा दिये जाते हैं, कार्यों का चयन भी सभासदों की संस्तुति पर नहीं किया जा रहा है।
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने भरोसा दिया कि सभासदों की शिकायतों का समाधान कराया जायेगा। कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि करीब 3० मिनट चली बोर्ड बैठक में बजट के साथ ही कुल 3० प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किये गये हैं। इनमें 28 प्रस्ताव एजेंडे में शामिल रहे और दो प्रस्ताव चेयरपर्सन की अनुमति पर सदन की सहमति से अन्य में पारित हुए हैं। बोर्ड मीटिंग में पूर्व सभासद विपिन चौहान के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रदांजलि अर्पित की गई।
बैठक में 55 में से 5० सभासद उपस्थित रहे। देवेश कौशिक और मुसीरा सहित पांच सभासद गैर हाजिर थे। मुख्य रूप से सभासदों में राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, योगेश मित्तल, अन्नू कुरैशी, हकीम इरशाद, सीमा जैन, कुसुमलता पाल, रविकांत काका, हनी पाल, शौकत अंसारी, मौ. खालिद, नौशाद खां, अर्जुन आदि मौजूद रहे।