तेल अवीव। हमास आतंकियों की तरफ से गजा में बंधक बनाए गए इजराइलियों की रिहाई की मांग को लेकर शनिवार देर रात इजराइल में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने देश के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर देश को युद्ध की आग में झोंकने का आरोप लगाया।
यह प्रदर्शन उस समय हो रहा है जबकि शनिवार को ही काहिरा में मिस्र और कतर की मध्यस्थता में गजा में संघर्ष विराम को लेकर समझौता वार्ता शुरू हुई जो पहले दिन बेनतीजा रहने के बाद रविवार को भी जारी रहेगी। इस वार्ता में हमास के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। समझौता वार्ता में इजराइल ने अपने बंधकों की रिहाई के बदले 40 दिनों के संघर्ष विराम की पेशकश की है। इस दौरान इजराइल भी फिलिस्तीनी बंधकों को रिहा करेगा।
इजराइल और हमास के बीच पिछले करीब सात माह से संघर्ष चल रहा है। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइली शहरों पर हजारों रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास आतंकियों ने इजराइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इजराइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया। जिसमें गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इजराइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा के अधिकारियों का दावा है कि 7 अक्तूबर के बाद से गाजा में इजराइल के हमलों अबतक उसके 34,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
हालांकि इजराइल के हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका के बाद कई दूसरे देशों में भी इजराइल के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ प्रदर्शन का यह सिलसिला फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड व स्वीट्जरलैंड तक पहुंच गया।