नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान सरकार पर जमकर निशाना साधा। संविधान दिवस के अवसर पर हुई चर्चा के दौरान प्रियंका ने न केवल सत्ता पक्ष की नीतियों की आलोचना की, बल्कि कई अहम मुद्दों को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को आड़े हाथों लिया।
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प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत संविधान के महत्व पर जोर देते हुए की। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार संविधान और देश की एकता की सुरक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा,कि हमने संभल में देखा, मणिपुर में देखा। सत्ता पक्ष राजनीतिक फायदे के लिए संविधान और देश की एकता को कमजोर कर रहा है।” प्रियंका के इस बयान के दौरान विपक्षी नेता तालियों और मेज थपथपाकर उनका समर्थन करते नजर आए।
प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान उनके बड़े भाई और वायनाड से सांसद राहुल गांधी लगातार उनका हौसला बढ़ाते दिखे। जैसे ही कैमरा विपक्षी नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव की ओर घूम गया, राहुल ने जोर से कहा, “कैमरा.. कैमरा।“ इस पर प्रियंका मुस्कुरा दीं। राहुल गांधी पहले भी यह आरोप लगाते रहे हैं कि विपक्ष के नेताओं के भाषण के दौरान लोकसभा का कैमरा उन पर केंद्रित नहीं रहता।
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प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कह कि“किताबों से नाम निकाल देने से किसी का योगदान खत्म नहीं हो जाता।”
प्रियंका के इस पहले भाषण को विपक्षी दलों का भरपूर समर्थन मिला। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उन्हें ध्यान से सुनते नजर आए। कांग्रेस नेता उनके आत्मविश्वास और आक्रामक शैली की सराहना करते दिखे।
लोकसभा में प्रियंका गांधी का यह भाषण उनकी राजनीति में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। उनके आक्रामक तेवर और मुद्दों की पकड़ ने उन्हें कांग्रेस के एक सशक्त चेहरे के रूप में स्थापित किया है।