लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नव वर्ष से पहले प्रदेश के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग ने अध्यापकों के लिए अंतर्जनपदीय म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रक्रिया दिसंबर के अंत से लेकर जनवरी तक पूरी की जाएगी, जिससे हजारों शिक्षकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
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शीतकालीन अवकाश के दौरान, 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक, म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बनाई गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बार भी स्कूल से स्कूल स्थानांतरण की योजना बनाई है, जिससे शिक्षकों को अपने गृह जिले के नजदीक स्थानांतरण का अवसर मिलेगा।
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म्यूचुअल ट्रांसफर का मतलब है कि एक शिक्षक अपनी पसंद के स्कूल में तबादले के लिए आवेदन करता है और उसी स्कूल से कोई अन्य शिक्षक उसके स्कूल में जाने के लिए सहमति देता है। यह प्रक्रिया अध्यापकों की आपसी सहमति पर आधारित होती है और इसे “पारस्परिक स्थानांतरण“ भी कहा जाता है।
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इससे पहले, गर्मी की छुट्टियों में 19 जून 2023 को 2,796 शिक्षकों (1,398 जोड़े) का अंतर्जनपदीय तबादला हुआ था। हालांकि, तबादले का शासनादेश 2 जून 2023 को जारी हुआ था, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण प्रक्रिया में देरी हुई थी।
शिक्षक सेवा नियमावली के अनुसार, गर्मी और सर्दी की छुट्टियों के दौरान तबादले का प्रावधान है। इस बार सर्दी की छुट्टियों में स्थानांतरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की योजना है। बेसिक शिक्षा परिषद ने यह सुनिश्चित किया है कि इस बार शिक्षकों को किसी प्रकार की कानूनी अड़चनों का सामना न करना पड़े।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों अध्यापकों को अपने गृह जिले के नजदीक या पसंदीदा स्थान पर नौकरी करने का मौका मिलेगा। यह पहल न केवल अध्यापकों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।