मुजफ्फरनगर। राणा स्टील फैक्ट्री में जीएसटी टीम पर हमले और गाड़ी क्षतिग्रस्त करने के मामले में पूर्व सांसद कादिर राना की दोनों पुत्रियों पर पुलिस ने जानलेवा हमले की धाराएं बढा दी है, जिस पर जिला जज की कोर्ट में आगामी 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। राणा स्टील फैक्ट्री में जीएसटी टीम पर हमले में पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद राणा फिलहाल जेल में हैं ।
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इसी मामले में कादिर राणा बेटी सादिया राणा और सारिया राणा को भी आरोपी बनाया था। दोनों को जमानत मिल गई थी। अब इस मामले में पुलिस ने सादिया व सारिया के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा 109 बीएनएस बढाई है, जो पहले 307 होती थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता नकली सिंह त्यागी व कुंवरपाल सैनी ने बताया कि पुलिस द्वारा धारा बढ़ा दिए जाने के कारण सीजेएम कोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। आज सीजेएम कोर्ट में दोनों पुत्रियों का मेडिकल प्रस्तुत किया गया, जिसमें स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया गया है। तत्पश्चात जमानत याचिका जिला जज की कोर्ट में पेश की गई, जिसमें जिला जज अजय कुमार ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक शाहनवाज राणा, सद्दाम राणा, इमरान को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। तीनों जिला कारागार में बंद हैं।
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सहायक आयुक्त राज्य कर खंड आठ प्रदुम्मन चौधरी ने सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जंबूदीप एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट लिमिटेड मेरठ रोड के जीएसटी नंबर के विरुद्ध प्राप्त इनपुट के आधार पर कंपनी की जांच 2018-19 में राज्य कर विशेष अनुसंधान शाखा ने की थी। कंपनी की ओर से जो प्रपत्र प्रस्तुत किए गए, उनमें फर्जी कागजात मिले। कंपनी के डायरेक्टर कामरान राणा, शाह आजम राणा, जिया अब्बास जैदी और तौसीफ कुरैशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
मुजफ्फरनगर में जीएसटी टीम से टकराव मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राना की जमानत पर सुनवाई टली
इसी मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा की जमानत पर 13 दिसंबर को सुनवाई होगी। जीएसटी टीम पर हमले के प्रकरण में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को पुलिस सुरक्षा के बीच बीते दिवस विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था। उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 13 दिसंबर नियत कर दी गई है। उधर, जानलेवा हमले की पत्रावली भी जिला जज की अदालत से एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई। सभी पत्रावलियों की एक साथ 13 दिसंबर को सुनवाई होगी। उधर, पूर्व विधायक की साल 2001 में शहर कोतवाली में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।