नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता जाने की कोई परवाह नहीं है। वह सच बोलते रहेंगे और सत्ता से सवाल पूछते रहेंगे।
राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं और समय-समय पर इसके उदाहरण सामने आते रहते हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल पूछा कि अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किसने किया। यह पैसा अडानी का नहीं है। यह पैसा किसने दिया? कहां से आया? यह सवाल बना हुआ है। लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया।
राहुल ने कहा कि पीएम मोदी और गौतम अडानी के रिश्ते को लेकर उन्होंने सवाल पूछा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उनके संबोधन को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया। संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि लगातार मोदी सरकार देश की लोकतंत्र पर हमला कर रही है। लोगों से बोलने का अधिकार छीन रही है। उन्होंने कहा कि मैं अडानी के मुद्दे पर सवाल पूछता रहूंगा, वे मुझे अयोग्य ठहराकर या मुझे जेल में डालकर डरा नहीं सकते। मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा के लिए हूं।
राहुल ने कहा कि संसद में मंत्रियों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी हस्तक्षेप का आह्वान किया, मैंने ऐसा नहीं किया। राहुल ने कहा कि उनकी अयोग्यता का पूरा खेल अडानी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए रचा गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आरोपों का जवाब संसद में देना चाहते थे। लेकिन उन्हें बोलने का समय नहीं दिया गया। उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा। इस संबंध में उन्होंने पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि राजनीति उनके लिए फैशन नहीं है, बल्कि तपस्या है। यह तपस्या वह जारी रखेंगे। सरकार से वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने हमेशा समाज जोड़ने की बात की है। उन्होंने कभी भी ओबीसी समाज का अपमान नहीं किया है। भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के आरोप उन पर लगाती रही है।
राहुल गांधी के समर्थन में आये राजनीतिक दलों का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे समर्थन देने के लिए मैं सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद देता हूं, हम सब मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की घबराहट की प्रतिक्रिया से विपक्ष को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इस सरकार के लिए देश अडानी है और अडानी देश है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष को एक हथियार दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं बस सच देखता हूं और सच बोलता हूं। मुझे किसी और चीज में दिलचस्पी नहीं है। यह मेरे खून में है। मेरा नाम गांधी है और मैं किसी से माफी नहीं मांगता।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद पहली बार आज पार्टी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मुख्यालय में मौजूद रहे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। हालांकि कांग्रेस इस कदम को सियासी बता रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है।