मेरठ। बिना शोधन के प्रदूषित जल को काली नदी में छोड़कर जल प्रदूषण फैलाने के मामले में प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने मेरठ की शराब कंपनी सेंट्रल डिस्टलरी एंड ब्रेवरीज को दोषी करार देते हुए 8 लाख का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने फैक्टरी संचालकों को गलत जानकारी देकर अनुमति प्राप्त करने का भी आरोपी माना।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मामले की शिकायत के साथ कोर्ट में वाद दाखिल किया था। इसमें बताया कि मेरठ स्थित सेंट्रल डिस्टलरी एंड ब्रेवरीज शराब और अल्कोहल बनाने का काम करती है।
27 अक्तूबर 1983 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने फैक्टरी का निरीक्षण किया तो पाया कि कंपनी ने अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट और समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया है। इस कारण फैक्ट्री के प्रदूषित पानी को कंकड़ खेड़ा के रास्ते अबु नाला होते हुए काली नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नदी में जल प्रदूषण बढ़ रहा है।