प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने नकली नमकीन बनाने वाली कम्पनियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार को सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद सूबे में 93 नमकीन बनाने वाली कम्पनियों पर छापा मारा गया है। इस दौरान 30 कुंतल नमकीन जब्त कर नष्ट किया गया।
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति वी के बिरला और न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की पीठ के समक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता जे के उपाध्याय ने प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा की ओर से हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी जानकारी मांगी थी। मगर केंद्र के अधिवक्ता ने और समय दिए जाने की मांग की। जिसे कोर्ट ने मंज़ूर करते हुए 8 नवम्बर को मामला प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि, हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वतः जनहित याचिका के तौर पर लिया है। कोर्ट ने इससे पूर्व ब्रांडेड कम्पनियों की अस्वीकृत नमकीन को जानवरों के चारे के नाम पर नीलामी में लेकर नई नमकीन मिलाकर खुले बाजार में बेचने को स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक माना है। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से ऐसी नमकीन बनाने व आपूर्ति करने में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है।
आपको बता दे कि पंजाब, दिल्ली-नोएडा और गुजरात की नामचीन नमकीन निर्माता कंपनियों की रिजेक्टेड या एक्सपायरी नमकीन पशुओं के चारे के नाम पर खरीदी जाती है। उसे यूपी के अलग-अलग शहरों में नई पैकिंग के साथ बेच दिया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दिल्ली-नोएडा, पंजाब और गुजरात में कई नामी-गिरामी कंपनियों की फैक्ट्री हैं। मैन्युफैक्चरिंग के दौरान मशीनों में लगा सेंसर अधोमानक नमकीन को अलग करता रहता है। इसके साथ ही बाजार से एक्सपायरी नमकीन भी लौटकर आती है। कंपनियां बोली लगाकर इस अधोमानक नमकीन को बेचती हैं। इसे खरीदने वाले ब्रोकर नमकीन बनाने वालों के संपर्क में हैं। ये नमकीन उनकी फैक्ट्री में पहुंचा दी जाती है। यहां ताजी बनी नमकीन में इसे मिक्स कर दिया जाता है। दोगुना मुनाफा कमाते हैं।